दूसरे प्रदेशों के छात्र नए सत्र से हरियाणा में
डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) कर सकेंगे। बाहरी छात्रों के लिए हरियाणा सरकार
अपने जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) और प्राइवेट कॉलेजों के
दरवाजे खोलने जा रही है। हरियाणा के छात्रों को भी दाखिले के वक्त स्थानीय
प्रमाण पत्र के झंझट से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए गुड़गांव स्थित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) ने प्रस्ताव तैयार कर
चंडीगढ़ शिक्षा मुख्यालय को भेजा है। बता
दें कि जून के दूसरे सप्ताह से दाखिला प्रक्रिया शुरू होनी है। एससीईआरटी
द्वारा प्रदेश के सभी डीएड कॉलेजों में दाखिला किया जाता है। अभी तक
हरियाणा के डीएड कॉलेजों में केवल प्रदेश के छात्रों को स्थानीय प्रमाण
पत्र होने पर ही दाखिला मिलता है। बीते सालों में स्थानीय छात्रों को भी
प्रमाण पत्र नहीं होने पर दाखिला नहीं मिला है। स्थानीय प्रमाण पत्र की वजह
से गुड़गांव, फरीदाबाद या प्रदेश के किसी अन्य शहर में रहने वाले दूसरे
प्रदेशों के छात्र दाखिले में रुचि नहीं दिखाते थे।
प्राइवेट कॉलेजों का दबाव: दूसरे
प्रदेश के छात्रों के लिए दरवाजे खुलने से छात्रों के साथ प्राइवेट
कॉलेजों को भी फायदा होगा। प्राइवेट कॉलेजों की सीटें नहीं भरने की वजह से
एससीईआरटी पर भी दबाव रहता है। एससीईआरटी
को तीन से बढ़ाकर 10-10 काउंसलिंग करनी पड़ी हैं। अंत में ऑनलाइन
काउंसलिंग को छोड़कर मैन्युअल प्रक्रिया अपनाई गईं। इसके बावजूद सीटें
खाली रह जाती थीं। 2014-15 के सत्र में 500 से अधिक सीटें खाली थीं।
दूसरे प्रदेश में है सीधे दाखिला: अभी
तक हरियाणा को छोड़कर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर समेत अन्य
प्रदेशों में डीएड में किसी भी प्रदेश के छात्रों को दाखिला दे दिया जाता
है। इसके लिए स्थानीय प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती। यहां किसी वजह से
दाखिला नहीं लेने वाले छात्र दूसरे प्रदेश में जाकर आसानी से दाखिला ले
लेते थे। फीस के मामले में हरियाणा सस्ता है। शिक्षा निदेशालय ने दो साल की
फीस 44 हजार रुपये प्राइवेट कॉलेजों के लिए तय की है, जबकि दूसरे प्रदेशों
में 60 हजार रुपये से अधिक फीस है। जिसका
असर प्रदेश के कॉलेजों में पड़ता था और सीटें खाली रह जाती थीं। लगातार
खाली सीटों को देखते हुए एससीईआरटी अब दूसरे प्रदेशों के छात्रों के लिए
दरवाजे खोलने जा रहा है।
- स्थानीय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को किया जाएगा खत्म
- एससीईआरटी ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
- प्रदेश में सेल्फ फाइनेंस कॉलेज: 325
- राजकीय डीएड कॉलेज: 27
- कुल सीटें: 19600
"डीएड
में दाखिले के लिए प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेज दिया गया है। दूसरे
प्रदेश के छात्रों को भी दाखिला देने की अनुमति मांगी गई है। छात्रों को
दाखिले में स्थानीय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता भी खत्म की जाएगी। मुख्यालय
से आदेश आने के बाद जून के दूसरे सप्ताह से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर
दी जाएगी।"
-अशोक यादव, डीएड प्रभारी, एससीईआरटी
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साभार: अमर उजाला समाचार
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