Thursday, May 21, 2015

प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ की, तो दस साल की सजा होगी

आंदोलनों या विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर अब बहुत जल्द ही भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा। कानून में प्रावधान किया जा रहा है जिसके तहत क्षतिग्रस्त संपत्ति का बाजार दर से मूल्य चुकाना पड़ सकता है या 10 साल तक कैद की सजा हो सकती है। गृह मंत्रलय इससे संबंधित कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव ला रहा है। एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने जनता और संस्थाओं से प्रिवेंशन ऑफ डैमेज
टू पब्लिक प्रोपर्टी (पीडीपीपी) कानून, 1984 में संशोधन पर सुझाव मांगे हैं। इस संशोधन का मकसद भविष्य में आंदोलन या अन्य विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को तोड़ फोड़ करने या बर्बाद करने वाले लोगों या ऐसे प्रदर्शनों का आयोजन करने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों को डराकर रोकना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति केटी थॉमस की अध्यक्षता में इस संबंध में एक कमेटी गठित की थी। 

साभार: जागरण समाचार
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