पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने 4073 सरप्लस गेस्ट टीचरों
को झटका देते हुए एकल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
बृहस्पतिवार को जस्टिस सूर्य कांत पर आधारित खंडपीठ ने एकल बेंच के आदेश को
सही ठहराते हुए अपील दायर करने पर सवाल उठाया। उन्होंने यहां तक कह दिया
कि यह टीचर नियमित नहीं थे। इसलिए इनको हटाने से पहले नोटिस देने की भी
जरूरत नहीं है। जस्टिस सूर्य कांत
ने इस मामले में सरकार के रवैये पर सवाल
उठाते हुए कहा कि सरकार पुरानी हो या नई, सभी अपना वोट बैंक बनाने के चक्कर
में शिक्षा का स्तर गिराने में लगे हुए हैं। हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट
स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि नियमित भर्ती के बाद इन गेस्ट टीचर को हटाया
जाए, लेकिन कोर्ट में चार साल पहले दिए गए शेड्यूल के बाद भी अभी तक भर्ती
नहीं की गई। सरकार बार-बार गलत जानकारी देकर नियमित भर्ती को लटकाती रही
ताकि नियमित भर्ती न हो सके और गेस्ट काम करते रहें। बेंच ने कहा कि अगर
कोर्ट न हो तो राजनेता और अफसरशाही अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते
हैं। बहस के दौरान गेस्ट टीचरों के वकील पुनीत बाली ने कोर्ट से आग्रह
किया कि वो एकल बेंच के आदेश पर सरकार द्वारा इन गेस्ट टीचरों को हटाने के
लिए जारी नोटिस पर रोक लगाए। उन्होंने कहा कि नियमित भर्ती तक इन टीचरों को
काम करने दिया जाना चाहिए।
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साभार: जागरण समाचार
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