काफी संख्या में धर्मांतरण के शपथपत्र भी तैयार
किए जा चुके हैं। दिल्ली में जब गेस्ट टीचरों का आमरण अनशन शुरू होगा, वहीं
गेस्ट टीचरों को ये शपथ पत्र बांटे जाएंगे और वहीं शपथपत्र पर हस्ताक्षर
करके गेस्ट टीचर अपना धर्मांतरण करेंगे। इस बारे में मिशनरियां गेस्ट
टीचरों के संपर्क में भी है। गेस्ट टीचरों का कहना है कि जब सरकार ने उनका
रोजगार ही छीन लिया है तो कम से कम धर्मांतरण करके समुदाय विशेष के लोग
उन्हें
सहारा तो देंगे। फिलहाल, गेस्ट टीचरों को सरकार द्वारा हाईकोर्ट में
दाखिल किए जाने के जवाब का इंतजार है। गेस्ट
टीचरों के रोजगार को बचाने के लिए खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे। उन्होंने ही सीएम को गेस्ट टीचरों के
रोजगार को किसी तरह बचाने का प्रयास करने के लिए पहले चिट्ठी लिखी, बाद में
स्पेशल कैबीनेट की मीटिंग बुलाने को भी कहा। मंत्री विज लगातार गेस्ट
टीचरों के रोजगार को बचाने के लिए प्रयासरत थे। मगर अब जब सरकार द्वारा इस
मसले पर हाईकोर्ट में जवाब देने का वक्त आ गया है, तो उसके ठीक दो दिन पहले
मंत्री विज ने इस मसले पर चुप्पी साध ली है। मंत्री विज से जब इस बारे में
बातचीत की गई तो उन्होंने साफ कहा कि इस मुद्दे पर वे कुछ नहीं बोल सकते।
क्योंकि ये मसला उनके महकमे का नहीं है। ये मसला शिक्षा मंत्री रामबिलास
शर्मा के मंत्रालय का है। इसलिए इस बारे में शिक्षा मंत्री ही जवाब देंगे। गेस्ट टीचरों के बारे में वे जो कहना चाहते थे, वो पहले ही कह चुके हैं।
बहरहाल, विज की इस चुप्पी ने इस बात का इशारा तो दे दिया है कि सरकार का
निर्णय गेस्ट टीचरों के पक्ष में सकारात्मक नहीं है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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