हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 4073
गेस्ट टीचरों को हटाने के बारे में प्रदेश सरकार बुधवार को पंजाब-हरियाणा
हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी कि गेस्ट टीचरों को नौकरी से हटाया गया
है या नहीं। प्रदेश सरकार के लिए यह उलझन भरी स्थिति है, क्योंकि राज्य
में गेस्ट टीचर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं, वहीं हाईकोर्ट में
सरकार पहले ही गेस्ट टीचरों को सरप्लस बता चुकी है। इस कारण सरकार के सामने
कोई बीच का रास्ता खोज पाना भी मुश्किल है। मंगलवार
को गेस्ट टीचरों की याचिका खारिज होने के बाद बुधवार को उन्होंने हाईकोर्ट
की डबल बेंच के सामने अपील करने का प्रयास किया, लेकिन एकल पीठ का लिखित
ऑर्डर जारी नहीं होने के कारण गेस्ट टीचरों का यह प्रयास भी विफल रहा। अब
बुधवार को हाईकोर्ट में मुख्य केस की ही सुनवाई होगी, जिसमें राज्य सरकार
को सरप्लस 4073 गेस्ट टीचरों को हटाकर अनुपालना रिपोर्ट पेश करनी है। दूसरी
ओर, एलीमेंटरी शिक्षा विभाग द्वारा बीते सप्ताह जारी की गई 4060 सरप्लस
गेस्ट टीचरों की सूची के बाद हटाए जाने वाले गेस्ट टीचरों को सरकारी
स्कूलों से पहले ही कार्य मुक्त कर दिया गया है। अब गेस्ट टीचर प्रदेश भर
में आंदोलन तेज करने की तैयारी में जुट गए हैं। सरकार पर दबाव बनाने की
रणनीति के लिए गेस्ट टीचरों ने धर्मांतरण की धमकी भी सरकार को दे रखी है।
इसी कड़ी में काफी संख्या में धर्मांतरण के शपथपत्र भी तैयार किए जा चुके
हैं। दिल्ली में जब गेस्ट टीचरों का आमरण अनशन शुरू होगा, वहीं गेस्ट
टीचरों को ये शपथ पत्र बांटे जाएंगे और वहीं शपथपत्र पर हस्ताक्षर करके
गेस्ट टीचर अपना धर्मांतरण करेंगे। इस बारे में मिशनरियां गेस्ट टीचरों के
संपर्क में भी हैं। गेस्ट टीचरों का कहना है कि जब सरकार ने उनका रोजगार ही
छीन लिया है तो कम से कम धर्मांतरण करके समुदाय विशेष के लोग उन्हें सहारा
तो देंगे। फिलहाल, गेस्ट टीचरों को सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल किए
जाने के जवाब का इंतजार है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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