खबर फतेहाबाद जिले से है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा मनमर्जी फरमान
जारी करने से जिले भर के हजारों शिक्षक आहत हैं। ऐसा ही मामला रतिया व
फतेहाबाद में देखने को मिले हैं। रतिया खंड शिक्षा अधिकारी ने आदेश दिए थे
कि एमआईएस रिपोर्ट हर हाल में 15 मई तक ऑनलाइन होनी चाहिए थी। जब रिपोर्ट
ऑनलाइन नहीं हुई तो बीईओ ने वीरवार को 25 स्कूलों के शिक्षकों के वेतन
रोकने के आदेश दे दिए। ऐसा ही
मामला फतेहाबाद में भी देखने को मिला। बीईओ
ने आदेश दिए थे कि टॉयलेट निर्माण का काम 30 मई तक पूरा हो जाना चाहिए
अन्यथा उन्हें जून की छुट्टियां नहीं मिलेगी। रतिया
के खंड शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार ने पत्र जारी किया है कि निदेशालय के
प्रधान सचिव द्वारा जारी आदेशानुसार स्कूलों में विद्यार्थियों का दाखिला
फार्म एमआईएस रिपोर्ट 15 मई 2015 तक ऑनलाइन हा जानी चाहिए थी। कई स्कूलों
ने रिपोर्ट अभी तक ऑनलाइन नहीं की। यह गंभीर मामला है इसलिए खंड के 25
स्कूलाें का मई माह का वेतन रोक लिया जाए। कोषाधिकारी तथा सहायक कोषाधिकारी
वेतन बिल बिना अनुमति के न निकालें। पत्र में 25 स्कूलों का उल्लेख किया
गया है।
क्या कहते हैं डीईओ: इस
बारे में जिला शिक्षा अधिकारी यज्ञदत वर्मा ने पहले तो कहा कि इसका जवाब
बीईओ ही दे सकते हैं। बाद में स्पष्ट किया कि जब शिक्षक काम नहीं करेंगे तो
सरकार के आदेशों की पालना कैसे होगी। एमआईएस डाटा 15 मई हो जाना चाहिए था
जो नहीं हुआ और शौचालय बन जाने चाहिए थे।
टायलेट नहीं बने, हुई कार्रवाई: इसी
तरह फतेहाबाद के बीईओ कुलदीप सिहाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि
जिन स्कूलों का एमआईएस डाटा 100 फीसदी ऑनलाइन फीड नहीं हुआ तथा जिन स्कूलों
में अब तक टायलेट नहीं बने, उन स्कूलों के शिक्षकों को जून महीने की
छुट्टियां नहीं दी जाएगी।
अभी तक एक भी डाटा नहीं किया ऑनलाइन: जब
इस बारे में रतिया बीईओ रमेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 25
स्कूलों ने अभी तक एक भी डाटा ऑनलाइन नहंी किया है जबकि 15 मई तक हो जाना
चाहिए था। स्कूल के अध्यापक उन्हें बता दें, कब तक डाटा ऑनलाइन कर देंगे,
वेतन जारी करवा देंगे।