पूंजीपति पार्टियों ने हमेशा से ही फूट डालो, राज
करो की राजनीति करके समाज को बांटने का काम किया है। हरियाणा विद्यालय
अध्यापक संघ के राज्य कमेटी सदस्य राजपाल मित्ताथल ने कहा कि कांग्रेस ने
युवाओं को कम वेतन पर नौकरी पर लगाया ताकि सार्वजनिक क्षेत्र अर्थात सरकारी
महकमों का निजीकरण आसानी से किया जा सके लेकिन वर्तमान सरकार ने तो सारी
हदें पार कर दी है। उन्होंने कहा कि इस
सरकार ने तो लगे हुए
युवाओं का रोजगार छीनना शुरू कर दिया है। यह पहली ऐसी
सरकार है जिसने जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फॉर्म पर लिखवाया है, कि यह
प्रमाण पत्र केवल हिंदूओं के लिए है। क्या अनुसूचित जातियां दूसरे धर्मों
में नहीं है। जाति को धर्म के साथ नहीं जोड़ा जा सकता, न ही धर्म को जाति
के साथ। मित्ताथल ने कहा कि वर्तमान सरकार धर्म पर समाज को बांटने के
साथ-साथ समाज को नौकरियों में भी बांटना चाहती है। पिछले दिनों मार्केट
कमेटी में फायरमैन को हटाना शुरू किया, अब गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर, लैब
सहायक, अलग-अलग विभागों में कार्यरत कांट्रैक्ट के कर्मचारियों को यह कहकर
हटाया जा रहा है कि ये भर्तियां बैकडोर एंट्री हैं। इस
सरकार से पूछने वाला है कि आप कौन-सी एंट्री से भर्ती कर रहे हैं। यह
सरकार स्वयं अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए ऐसी चालें चल रही है। पिछली
सरकार की सभी भर्तियां कोर्टों में उलझ फंस रही है। वर्तमान भर्ती को
वर्तमान सरकार ने गेस्ट टीचर बनाम पात्र अध्यापक बना दिया है। दो भाईयों को
आपस में लड़ा कर रोड पर खड़ा कर दिया है। यदि प्राथमिक स्तर पर एक कक्षा
एक अध्यापक का नियम लागू किया जाए तो सभी पात्र अध्यापकों को समायोजित किया
जा सकता है, और तभी शिक्षा में गुणवत्ता भी आ सकती है। वर्तमान सरकार
गुजरात मॉडल लागू करके सभी सरकारी महकमों को निजी हाथों में सौंपने का काम
कर रही है। सरकार को चाहिए कि वर्तमान में कार्यरत सभी कर्मचारियों को
पक्का किया जाए व 9870 जेबीटी अध्यापकाें को ज्वॉइन करवाया जाए।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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