शिक्षा निदेशालय के बाहर चार महीने से अधिक समय से आंदोलनरत कंप्यूटर
शिक्षकों के प्रति सरकार का रुख थोड़ा नरम पड़ा है। शिक्षकों के पक्ष में
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खुल कर आने के बाद सरकार अब इनकी पुरानी
मेरिट लिस्ट की जांच कराएगी। स्कूल शिक्षा विभाग को मेरिट लिस्ट की जांच
रिपोर्ट व नियुक्ति प्रक्रिया का पूरा ब्योरा जल्द सौंपने के निर्देश दिए
गए हैं। मेरिट लिस्ट व नियुक्तियां ठीक पाई गईं तो कंप्यूटर शिक्षकों को नए
सिरे से भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना पड़ेगा। आंदोलनरत शिक्षकों
के महापड़ाव से माहौल बिगड़ता देख सरकार ने यह निर्णय लिया है। बीते तीन
साल तक सरकारी स्कूलों में सेवाएं देते रहे 2852 कंप्यूटर शिक्षक एमबीए और
एमसीए की डिग्री प्राप्त हैं। इन्हें बेहतर सेवाओं के लिए राष्ट्रपति
पुरस्कार भी मिल चुका है। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद
कंप्यूटर शिक्षकों का अनुबंध आगे बढ़ाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। 31
मार्च को शिक्षकों का अनुबंध खत्म हो चुका है। सेवा प्रदाता निजी कंपनियों
पर कार्रवाई को लेकर शिक्षक पहले से ही आंदोलन कर रहे थे, जिसे अनुबंध न
बढ़ने पर और हवा मिल गई। शिक्षक अब पंचकूला निदेशालय के बाहर परिवार के
सदस्यों के साथ आंदोलन कर रहे हैं। मांगें पूरी होने पर ही उन्होंने
अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। बृहस्पतिवार सुबह
कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर संघ के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से
वार्ता के लिए बुलाया गया था, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री के
ओएसडी जवाहर यादव ने शिक्षकों के साथ बातचीत की। यादव ने शिक्षकों को बताया
कि मेरिट सूची की जांच चल रही है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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