Saturday, May 30, 2015

अब स्कूल महकेंगे औषधीय पौधों से

प्रदेश का हर कोना जल्द ही औषधीय पौधों से महकेगा। हर स्कूल व घर में औषधीय पौधा होगा। सहयोग जनमानस करेगा और उपलब्ध राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान एकेडमी, नई दिल्ली निश्शुल्क कराएगी। शुरुआती दौर में प्रदेश के 500 स्कूल चिह्न्ति किए गए हैं। प्रति स्कूल में हर्बल गार्डन बनाकर 20-25 बैग उपलब्ध कराए जाएंगे जिनमें अलग-अलग किस्म के औषधीय पौधे होंगे। इतना ही नहीं किसान संगठनों के साथ मिलकर
औषधीय खेती के प्रति भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही पर्यावरण विज्ञान एकेडमी, नई दिल्ली के रिसर्च को-ऑर्डिनेटर व कार्यकारी सदस्य डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि भारत में औषधीय पौधों की जैव विविधता लगातार लुप्त होती जा रही है। नई पीढ़ी को तो औषधियों के बारे में ज्ञान ही नहीं है जबकि आज के युग में औषधियों के प्रति ज्ञान होना व इनके प्रति जागरूक होना निहायत जरूरी हो गया है। लुप्त हो रही जैव विविधता को बचाने के लिए अब एकेडमी ने वृहद स्तर पर कार्य करने का निर्णय लिया है। औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूलों व घरों में हर्बल गार्डन बनवाने की योजना है। ऐसे सरकारी व गैर सरकार स्कूलों को चिह्न्ति किया जा रहा है जिनमें कम से कम 200 गज जगह उपलब्ध हो सके। प्रथम चरण में प्रदेश के 500 स्कूलों में बैग उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक बैग में अलग-अलग किस्म के औषधीय पौधे होंगे। एकेडमी की ओर से बैग निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे जबकि रख-रखाव स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर करेगा। एकेडमी से जुड़े विशेषज्ञ समय-समय पर मार्ग दर्शन करने का काम करेंगे।
हर घर में 5-10 बैग: स्कूलों के साथ-साथ घरों में औषधीय पौधे निश्शुल्क दिए जाएंगे। साथ ही हर औषधी का नाम, गुण व प्रयोग संबंधित तमाम जानकारियां लिखित में प्रत्येक हर्बल गार्डन में मुहैया कराई जाएगी। इस मिशन का उद्देश्य आज की पीढ़ी को औषधीय पौधों का परंपरागत ज्ञान देना है। 
किसानों को ऐसे करेंगे प्रोत्साहित: डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि किसान औषधीय खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आवश्यकता उनको प्रोत्साहित व जागरूक करने की है। इसके लिए किसान संगठनों से बातचीत की जाएगी। पहले कुछ एकड़ में इस योजना को शुरू करेंगे। रुझान मिला तो क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाएगा। 
साभार: जागरण समाचार
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