प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरप्लस मास्टर कैडर के गेस्ट टीचर्स को
सरकारी शिक्षकों की पदोन्नति कर बचाना अतिथि लेक्चर्स के लिए भारी पड़ने
वाला है। लगभग सात हजार मास्टरों के पदोन्नति के बाद लेक्चरर बनने पर गेस्ट
लेक्चरर के 25 सौ पद सरप्लस होना तय है। पूर्व हुड्डा सरकार अपने कार्यकाल
के दौरान सीधी भर्ती से लेक्चरर के काफी पद भर चुकी है। अब पदोन्नति कोटे
के पद बचे हुए हैं, जिन्हें भाजपा सरकार भरने जा रही है।
इससे गेस्ट की
मुश्किलें जून के बाद बढ़ सकती हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन
का काम 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस दौरान गेस्ट लेक्चरर की
विषय अनुसार उपलब्धता व जरूरत की सूची भी तैयार की जाएगी। विभाग मास्टर से
पदोन्नत होकर लेक्चरर बनने वालों को इसी सूची के अनुसार स्कूलों में
ज्वाइनिंग देगा। इससे गेस्ट लेक्चरर के पद सरप्लस हो जाएंगे। चूंकि अभी
गेस्ट उन पदों पर कार्यरत हैं, जिन्हें प्रमोशन कोटे से सरकार भरने जा रही
है। प्रमोशन के बाद 25 सौ गेस्ट लेक्चरर भी सड़कों पर उतरने के साथ
हाईकोर्ट का रुख करेंगे। चूंकि सरकार ने एक घर में लगी आग बुझाने का इंतजाम
कर दूसरी जगह लगाने की तैयारी कर ली है। मास्टर वर्ग प्रदेश सरकार पर लंबे
समय से पदोन्नति कोटे के खाली पद भरने का दबाव बनाए हुए है। सरकार
पदोन्नति प्रक्रिया को टाल भी नहीं सकती, चूंकि अप्रैल महीने में शिक्षक
संगठनों के साथ हुई मुख्यमंत्री की बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है। स्कूल
शिक्षा विभाग के लेक्चरर पदोन्नति के लिए केस मांगने से गेस्ट लेक्चर्स
सकते में हैं। उन्हें अभी से सरप्लस होने के बाद की चिंता सताने लगी है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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