भाजपा सरकार में सरकारी स्कूलों के अच्छे दिन आने का इंतजार बरकरार है। ऐसा
इसलिए कि शिक्षा का स्तर ऊंचा उठने की बजाए रसातल में जाता दिख रहा है।
अपरिपक्व शिक्षा नीतियों से शिक्षकों से लेकर विद्यार्थी चिंतित है। इस कड़ी
में सोमवार से पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के मासिक टेस्ट शुरू होंगे। विडंबना यह कि एक तो प्रश्नपत्र
बिना किसी सुरक्षा एवं गोपनीयता के स्कूलों में भेज दिए गए, वहीं
एससीईआरटी गुड़गांव
द्वारा प्रत्येक विषय का महज एक-एक प्रश्न-पत्र ही
उपलब्ध करवाया गया है। स्कूलों में बाकी जितने बच्चे है, उनके अनुसार फोटो
कॉपियां करवानी होगी। इतना ही नहीं अगर मासिक परीक्षा का परिणाम शिक्षा
बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया तो स्कूल मुखियाओं का वेतन जारी
नहीं किया जाएगा। इस फरमान को लेकर शिक्षक संगठनों में भारी रोष है।
शिक्षा निदेशालय देगा बजट: पहली से आठवीं तक विभिन्न विषयों के कुल 56 प्रश्न-पत्र है। इन्हें
विद्यार्थियों की संख्या अनुसार छपवाकर बंटवाने की सोच भर से स्कूल
मुखियाओं को पसीने छूट गए है। ऐसे में रविवार के दिन भी फोटो स्टेट की
दुकान पर जाकर प्रश्न-पत्रों की कॉपियां प्रिंट करवाने में जुटे हुए थे।
हालांकि प्रति फोटो कॉपी की राशि शिक्षा निदेशालय द्वारा उपलब्ध करवाई
जाएगी। इसके लिए डीईईओ को पत्र लिखा जाएगा, जो निदेशालय को खर्च हुई राशि
का ब्यौरा भेजकर उसे मुहैया करवाने की मांग करेंगे।
बंद नहीं खुले में प्रश्नपत्र उपलब्ध: एससीईआरटी द्वारा गोपनीयता, सुरक्षा का हवाला देते हुए प्रश्न-पत्र सील
बंद लिफाफे में भिजवाने का दावा किया था लेकिन हुआ इसके एकदम विपरीत।
सरकारी स्कूलों में प्रश्न-पत्र पहुंचते ही उन्हें सार्वजनिक कर दिया गया।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर प्रश्न-पत्रों के जारी होने की चर्चा भी जोरो पर
है। इसलिए परीक्षा की गरिमा तो नहीं रही।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.