गेस्ट टीचरों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए
इनेलो ने तुरंत सर्वदलीय बैठक और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की
है। पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा
ने सोमवार को अपने आवास पर पत्रकार सम्मेलन में यह मांग की। उन्होंने कहा
कि सत्ता में आने से पहले भाजपा नेताओं ने जंतर-मंतर पर इस वर्ग के
कर्मचारियों को पहली कलम से पक्का करने का वायदा किया था, जिससे अब
सरकार
मुकर रही है। माजरा ने आरोप लगाया कि जायज मांगों को नजरअंदाज करते हुए
सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर
शपथ-पत्र को ही पेश कर दिया, जिसमें 4073 अतिथि अध्यापकों को सरप्लस करार
दिया गया है। माजरा ने कहा कि बीते तीन
वर्षों में यानी 2012 से 2015 से बहुत से स्कूलों का दर्जा बढ़ा है और नए
बच्चों ने भी दाखिला लिया है। सरकार यह भी दावा कर रही है कि 38 हजार
अध्यापकों के पद खाली हैं, ऐसी स्थिति में अतिथि अध्यापकों के सरप्लस होने
की जो बात कही गई है, वह तथ्यों से परे है। उन्होंने
शिक्षा मंत्री के विरोधाभासी बयानों पर भी हैरानी जताई और कहा कि स्वयं पद
खाली होने का दावा करने वाले रामबिलास शर्मा शिक्षक विरोधी है। माजरा ने
शिक्षा के गिरते स्तर के लिए मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस
सरकार की गलत नीति के कारण आज प्रदेश भर में स्कूल बंद पड़े हैं। सरकार
अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। इस मौके पर युवा नेता जसमेर तितरम, संदीप
ढांडा, राममेहर खुराना भी उपस्थित थे। उधर हरियाणा के सरप्लस गेस्ट टीचरों को हटाने के लिए
जारी नोटिस को एक याचिका के माध्यम से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती
दी गई है। यह याचिका सोमवार को ही जस्टिस अमित रावल ने खारिज कर दी। गेस्ट
टीचरों को हटाने के विरोध में दायर एक याचिका में हरियाणा सरकार ने कहा था
कि 4073 गेस्ट टीचर्स सरप्लस हैं। सरकार ने आश्वासन दिया था कि इन्हें 15
दिनों के भीतर हटा दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने
11 मई को इन गेस्ट टीचरों को हटाने का निर्देश दे दिया था। हाईकोर्ट का
निर्देश था कि इन गेस्ट टीचरों को हटाने से पहले 24 घंटे का नोटिस जारी
किया जाए। सरकार ने 22 मई को एक विज्ञापन जारी कर गेस्ट टीचर्स को 24 घंटे
का नोटिस दिया था। इसी नोटिस को सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
कहा गया था कि सुनवाई का मौका देने के लिए कम समय दिया गया। हाईकोर्ट ने
कहा कि 11 मई के आदेश को कहीं चुनौती नहीं दी गई और सरकार ने निर्देश के
मुताबिक ही 24 घंटे का नोटिस दिया है। इसके साथ गेस्ट टीचरों की याचिका
खारिज कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार को
गेस्ट टीचरों को हटाकर 27 मई को मुख्य सुनवाई में रिपोर्ट पेश करनी है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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