हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए
प्रदेश के हजारों स्कूलों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड प्रशासन ने प्रदेश के
सभी स्कूलों को परीक्षा फीस में से 30 रुपये वापस लौटाने का फैसला किया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रत्येक छात्र से स्कूलों के
माध्यम से परीक्षा फीस ली जाती है। दसवीं कक्षा के छात्रों से 500 रुपये और
बारहवीं कक्षा के छात्रों से 750 रुपये प्रति छात्र यह फीस वसूली जा रही
है। बोर्ड
प्रशासन के अनुसार स्कूल मुखियाओं द्वारा अक्सर यह शिकायत की
जाती है कि छात्रों से फीस की वसूली तो की जाती है, लेकिन कई बार कोई छात्र
फीस नहीं दे पाए तो उसका भुगतान वे अपनी जेब से करते हैं। ऐसे में उन्हें
नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस पर शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने राहत देते हुए
फैसला किया है कि परीक्षा फीस में से 30 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से
बोर्ड स्कूलों को लौटाएगा। जाहिर है कि पूरे प्रदेश में दसवीं व बारहवीं
कक्षा में करीब 6 से 7 लाख बच्चे परीक्षा देते हैं। ऐसे में शिक्षा बोर्ड
को करीब सवा दो करोड़ रुपये स्कूलों को लौटाने पड़ेंगे। हालांकि यह बात अलग
है कि इससे शिक्षा बोर्ड को नुकसान ङोलना पड़ेगा।
एससी व बीसी छात्रों की
करीब 70 करोड़ रुपये की राशि की नहीं हो रही है वसूली: हरियाणा विद्यालय
शिक्षा बोर्ड एससी व बीसी वर्ग के छात्रों की फीस स्कूलों की बजाए प्रदेश
सरकार से लेता है। लेकिन पिछले कई वर्षो से शिक्षा विभाग ने इस राशि का
भुगतान नहीं किया है। इस वजह से वर्तमान में करीब 70 करोड़ रुपये शिक्षा
बोर्ड का शिक्षा विभाग में अटका हुआ है।
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साभार: जागरण समाचार
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