मेडिकल की प्रवेश परीक्षा आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) दोबारा
कराए जाने की मांग सुप्रीमकोर्ट पहुंच गई है। कुछ छात्रों ने सुप्रीमकोर्ट
में याचिका दाखिल कर परीक्षा में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए 2015-16 की
एआइपीएमटी परीक्षा रद कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है। सुप्रीमकोर्ट
ने इस याचिका पर केंद्र सरकार, सीबीएसई, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया
(एमसीआई) व हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर
जवाब मांगा है। मामले में
गुरुवार को फिर सुनवाई होगी। सोमवार को ये नोटिस न्यायमूर्ति एके सीकरी व
न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने छात्रों के वकील प्रशांत भूषण व गोपाल जैन
की दलीलें सुनने के बाद जारी किए। गत 3 मई को देशभर के विभिन्न परीक्षा
केंद्रों में मेडिकल में प्रवेश के लिए एआइपीएमटी 2015 की परीक्षा हुई थी।
हरियाणा पुलिस ने रोहतक से एक गैंग को एआइपीएमटी परीक्षा का पेपर लीक करने
के आरोप में गिरफ्तार किया था। पेपर लीक होने के बाद से लगातार परीक्षा
निरस्त कर नए सिरे से प्रवेश परीक्षा कराए जाने की मांग उठ रही थी। मेडिकल
प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले कुछ छात्रों जान्हवी शंकर व तन्वी सरवाल
ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर 3 मई को हुई परीक्षा रद करने और
परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग की है। सोमवार को छात्रों के वकीलों ने
सुप्रीमकोर्ट से दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि परीक्षा
का पर्चा लीक हुआ और इस आरोप में हरियाणा पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार
भी किया है। परीक्षा में गड़बड़ियां होने के कारण मेधावी छात्रों के हित
प्रभावित होंगे। याचिका में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है
कि हरियाणा पुलिस ने परीक्षा की उत्तर पुस्तिका लीक (आन्सर शीट लीक) मामले
की जांच में पाया कि गैंग कई राज्यों में सक्रिय था। ऐसे में 3 मई की
परीक्षा निरस्त होनी चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं होने से मेधावी छात्रों का
भविष्य प्रभावित होगा।
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साभार: जागरण समाचार
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