साभार: जागरण समाचार
सुप्रीम कोर्ट एससी-एसटी एक्ट में अनिवार्य रूप से मृत्युदंड दिए जाने के प्रावधान को परखेगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एससी-एसटी कानून की धारा 3(2)(1) को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस
जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शुक्रवार को कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर वकील ऋषि मल्होत्र ने स्वयं बहस करते हुए कहा कि एससी एसटी कानून की धारा 3(2)(1) को असंवैधानिक घोषित किया जाए क्योंकि इसमें न्यायाधीश को सजा तय करने का विवेकाधिकार नहीं दिया गया है। यह धारा कहती है कि अगर कोई व्यक्ति जो एससी-एसटी वर्ग का नहीं है, किसी एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ जानबूझकर झूठे साक्ष्य देता है और उसके कारण उस व्यक्ति को फांसी हो जाती है तो झूठे साक्ष्य देने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाएगा। सजा के मुद्दे पर अदालत को परिस्थितियों के मुताबिक फैसला लेने का विवेकाधिकार नहीं देना असंवैधानिक है।