साभार: जागरण समाचार
लोकसभा चुनाव में रथ के जरिये पूरा हरियाणा नाप रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी पार्टी की जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में 2004 और 2009 का इतिहास दोहराया
जाएगा। तब दोनों चुनाव में कांग्रेस की नौ-नौ लोकसभा सीटें आई थीं। सोनीपत संसदीय क्षेत्र के सफीदों में रथ पर सवार होकर प्रचार में निकले भूपेंद्र हुड्डा से दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
आप पर सोनीपत के अलावा पूरे हरियाणा की जिम्मेदारी है। किस तरह का समर्थन मिल रहा?
अभी तक मैं पांच लोकसभा सीटों पर प्रचार के लिए गया हूं। बाकी जगह भी जाने की योजना है। हर जगह लोगों का जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा। भाजपा के प्रति लोगों में नाराजगी है। किसान सरकार से काफी नाराज हैं।
भाजपा न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में मोदी फैक्टर के सहारे है। आपका क्या मानना है?
सोनीपत समेत पूरे हरियाणा में कोई मोदी फैक्टर नहीं है। किसानों की जमीनें नीलाम की जा रहीं। हमने एक इंच भी जमीन नीलाम नहीं होने दी। कांग्रेस ने 3.82 लाख परिवारों को सौ-सौ गज के प्लाट दिए। 200 लीटर के पानी टैंक के साथ दस लाख लोगों को कनेक्शन मिले। मौजूदा सरकार में बिजली होने के बावजूद नहीं दी जा रही। मोदी फैक्टर सिर्फ इतना है, जितना सत्ताधारी पार्टी का होता है।
एक दिन पहले अमित शाह हरियाणा आए और आपकी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जड़े।
शीशे के मकानों में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। इन लोगों ने अरावली को बेच दिया। अरावली को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। नौकरियां नीलाम की गईं। रेत माफिया ने नहरों के रास्ते बदल दिए।
पिछले दिनों आपने कहा था कि सोनीपत का रास्ता वाया दिल्ली चंडीगढ़ पहुंचेगा। इसका क्या मतलब हुआ?
इसका मतलब साफ है कि सोनीपत में जिस पार्टी की जीत होगी, उसकी हरियाणा में सरकार बनेगी। हम 2004 और 2009 का इतिहास दोहराने जा रहे हैं। हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी। 2004 और 2009 में ऐसा हो चुका है।
भाजपा आप पर जाट आरक्षण आंदोलन को भड़काने का आरोप लगा रही है। यह मुद्दा चुनाव पर कितना असर डालेगा?
प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि आंदोलन किसने और क्यों भड़काए। मैं पूरे प्रदेश में घूम रहा हूं। जाट और गैर जाट जैसी कोई बात नहीं है। हमारे साथ 36 बिरादरी के लोग हैं। जाट और गैर जाट की अवधारणा गलत मानसिकता के लोगों की देन है।
कांग्रेस में कई गुट हावी हैं। तो क्या मुख्यमंत्री पद की आपकी दावेदारी मजबूत समझी जाए?
कांग्रेस में कहीं कोई गुटबाजी नहीं है। सभी अपने-अपने ढंग से पार्टी को मजबूत कर रहे और अलग तरीके से जनता की आवाज उठा रहे। हमारी सरकार ने कर्मचारियों की चिंता की, नौकरियां बिकने नहीं दी। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ करेंगे, बेरोजगारी दूर करना लक्ष्य होगा और बिजली की सप्लाई व इंडस्ट्री की स्थापना पर जोर रहेगा।
क्या इन लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभा चुनाव पर कोई असर पड़ेगा?
हर चीज दूसरे से जुड़ी है। आप स्वतंत्र हैं। कुछ भी समझ सकते हैं।