Thursday, May 16, 2019

HBSE: 10+2 के परीक्षा परिणाम में सरकारी स्कूलों ने निजी को छोड़ा बहुत पीछे

साभार: जागरण समाचार  
निजी स्कूलों की महंगी पढ़ाई से बेजार अभिभावकों के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का इस बार का 12वीं कक्षा का परिणाम राहत की खबर लेकर आया है। बुधवार को घोषित परिणामों में निजी स्कूलों का पास
प्रतिशत जहां 72.61 फीसद रहा, जबकि सरकारी स्कूलों के 76.39 फीसद बच्चों ने सफलता का परचम लहराया।  
शैक्षिक स्टाफ व संसाधनों की कमी और खस्ताहाल इमारतों के बावजूद प्रदेश सरकार की सख्ती, नकल पर नकेल और शिक्षकों की मेहनत से प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। 12वीं में टॉपर के साथ ही मेरिट लिस्ट में जगह बनाने वाले ज्यादातर छात्र सरकारी स्कूल से हैं तो 100 फीसद परिणाम वाले भी सरकारी स्कूल ज्यादा हैं। प्रदेश में कुल 14,420 सरकारी स्कूल हैं जिनमें शिक्षकों के एक लाख 34 हजार 599 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 34,488 पद खाली हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 15,722 लेक्चरर और हाई स्कूलों में 7686 पद मास्टरों के रिक्त हैं। करीब 4784 स्कूल बगैर मुखिया के ही चल रहे हैं। इसके बावजूद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के ताजा परिणामों से सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों में भरोसा बढ़ेगा। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश प्रधान सीएन भारती और राज्य सचिव जगरोशन ने कहा कि सरकारी स्कूलों के परिणाम में लगातार हो रहा सुधार प्राध्यापकों, अध्यापकों और गैर शैक्षिक कर्मियों की कड़ी मेहनत को दर्शाता है। अगर सरकार ईमानदारी से सभी स्कूलों में आधारभूत ढांचे को पूरा करते हुए अध्यापकों सहित सभी पदों को भर दे तो सरकारी स्कूल शिक्षा जगत में अभूतपूर्व क्रांति लाने में सफल होंगे। वित्त सचिव राजेंद्र भाटू एवं प्रेस सचिव वजीर सिंह ने कहा कि पहले की पीढ़ियां सरकारी स्कूलों से पढ़ कर ही उच्च पदों पर पहुंचती रही हैं।
गांव पुर निवासी दीपक - रोजाना 10 घंटे पढ़ाई से मिली सफलता: 12वीं के परीक्षा परिणाम में प्रदेशभर में ओवरऑल टॉपर गांव पुर निवासी दीपक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ बहनों एवं शिक्षकों को दिया। दीपक ने बताया है कि उसका सपना इंजीनियर बनने का है। उन्होंने बताया कि सफलता पाने के लिए वह रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करता है। इसमें बहनें भी मदद करती हैं। हालांकि उसने ट्यूशन का भी सहारा लिया है। कड़ी मेहनत के दम पर दीपक ने अंग्रेजी में 99, केमिस्ट्री में 100, संस्कृत में 100, गणित में 98 और फिजिक्स में 100 अंक हासिल किए। दीपक ने अपनी सफलता का श्रेय प्रधानाचार्य बलबीर रंगा और पुर गांव के एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षक मनोज वधवा को भी दिया है।
सीए बनना चाहती हैं पलक और मोनिका: हरियाणा बोर्ड के 12वीं के जारी परिणाम में हिसार शहर की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि परिस्थितियों के कांटे उनकी सफलता में बाधा नहीं बन सकते। 35 गज के घर में रहने वाली 12वीं की छात्र पलक ने प्रदेशभर में प्रथम स्थान हासिल कर यह साबित कर दिया है। पलक ने कॉमर्स संकाय में सर्वाधिक 494 अंक यानी 98.8 फीसद अंक प्राप्त किए। शांति नगर निवासी व पीजीएसडी स्कूल की छात्र पलक ने बताया कि वह सीए बनना चाहती है। संघर्ष से उसकी सफलता की इबारत लिखने में अहम भूमिका निभाने वाले माता-पिता उसके आदर्श हैं। मां मोनिका के अनुसार पलक कभी घर से बाहर नहीं निकलती। वह अलार्म लगाकर सोती है और सुबह साढ़े चार बजे उठकर पढ़ाई करने लग जाती है।
सफलता का श्रेय गुरुजनों को - शिवानी: बल्लभगढ़ उपमंडल के गांव पन्हेड़ा खुर्द की बेटी शिवानी वत्स ने 98.8 फीसद अंक लाकर प्रदेश में संयुक्त रूप से पहला स्थान प्राप्त किया है। शिवानी ने कहा कि मैंने अपना कर्म किया। कभी फल की इच्छा नहीं की। मेरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर रहता था। मेरी सफलता के पीछे माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद है।
20 दिन तक कर सकते हैं पुनमरूल्यांकन के लिए आवेदन: बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि पुन: जांच, पुनमरूल्यांकन के लिए निर्धारित शुल्क सहित परिणाम घोषित होने की तिथि से 20 दिन तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस परीक्षा परिणाम के आधार पर जुलाई मे होने वाली पूरक परीक्षा के लिए स्वयंपाठी (प्राइवेट) छात्र 700 रुपये सामान्य शुल्क के साथ 25 मई से 13 जून तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते है। 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ 14 से 18 जून तक पंजीकरण किया जा सकेगा। वहीं 300 रुपये विलंब शुल्क सहित 19 से 23 जून और 1000 रुपये विलंब शुल्क सहित 24 से 28 जून तक पंजीकरण किया जा सकेगा।
पिछले 9 वर्षो में इस बार सबसे बेहतर रहा रिजल्ट: बोर्ड के परीक्षा परिणाम पर नजर डालें तो पिछले नौ वर्षों में इस बार का 12वीं का परिणाम(74. 48 फीसद ) सबसे बेहतरीन रहा है। इससे पहले 2011 में परीक्षा परिणाम 72.85 और 2014 में 72.91 फीसद रहा था। वर्ष 2013 और 2015 में 12वीं का परिणाम सबसे खराब रहा था। इन दोनों वर्षो में परीक्षा परिणाम क्रमश : 59.31 और 53.87 फीसद रहा था।
तीसरी बार टॉपर रेवाड़ी: 12वीं कक्षा के परिणाम में रेवाड़ी जिला लगातार तीसरे साल प्रदेशभर में सिरमौर बना है। इस साल जिले के विद्यार्थियों का परिणाम 80.88 फीसद रहा। दूसरे स्थान पर फतेहाबाद का परिणाम 79.92 फीसद और तीसरे स्थान पर जींद का परिणाम 79.47 फीसद रहा।
  • किन्हीं कारणों से असफल रहे विद्यार्थियों को निराश होने की जरूरत नहीं है। अभिभावक उनका मनोबल बढ़ाएं। यह खुशी की बात है कि बेटों के मुकाबले बेटियों के पास प्रतिशत में 14.47 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सभी विद्यार्थियों को भविष्य में भी कड़ी मेहनत करते हुए रचनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ सामुदायिक विकास में अपने दायित्व का निवर्हन करना चाहिए। शिक्षा सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों की बदौलत आज विद्यार्थी पूरे मनोयोग के साथ आगे बढ रहे हैं। - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
  • पिछले चार सालों में परीक्षा परिणाम 20 फीसद सुधरा है जो सरकार द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता के लिए किए गए विशेष प्रयासों का परिणाम है। इस बार का परीक्षा परिणाम पिछले साल से 10.64 फीसद अधिक है। सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष की तुलना में 12.77 फीसद अधिक रहा। सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई। रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री।