Saturday, May 11, 2019

ये नेशनल खिलाड़ी दुष्कर्म के आरोप लगा करती थी ब्लैकमेल

साभार: जागरण समाचार  
रोहतक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में बास्केटबॉल की नेशनल खिलाड़ी से दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूरा मामला ही पलट
गया। सुनवाई के दौरान पता चला कि बास्केटबॉल खिलाड़ी पहले भी इसी तरह दुष्कर्म के आरोप लगाकर रुपये ऐंठ चुकी है और उसके खिलाफ केस भी दर्ज है। यह केस सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बाद कोर्ट ने आरोपित कबड्डी खिलाड़ी की जमानत मंजूर करते हुए एसपी को आदेश दिए हैं कि महिला खिलाड़ी पर केस दर्ज कर रिपोर्ट दी जाए। 
बता दें कि मूलरूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी रोहतक के एक कालेज में पढ़ती है। पिछले माह उसने महिला थाने में शिकायत देकर झज्जर निवासी कबड्डी खिलाड़ी जयदीप पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया। महिला खिलाड़ी ने बताया कि आरोपित उसे दिल्ली और हरिद्वार के होटल में भी लेकर गया था। शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जयदीप को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया।
ऐसे खुली पोल: यह केस अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में विचाराधीन था। आरोपित जयदीप ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान वहां एक अन्य वकील भी मौजूद थे। उनसे पता चला कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली खिलाड़ी ने कुछ समय पहले युवक सुरजीत के खिलाफ शिकायत दी थी और बाद में समझौता कर उससे रुपये ऐंठ लिए थे। पीड़ित युवक ने सबूत इकट्ठा कर पुलिस को दिए, जिस पर पुलिस ने महिला खिलाड़ी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। यह केस फिलहाल में सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर कोर्ट ने दूसरे केस का रिकार्ड खंगाला। अदालत ने आरोपित जयदीप की जमानत याचिका मंजूर कर रोहतक एसपी को आदेश दिए कि 15 दिन के अंदर महिला खिलाड़ी के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी रिपोर्ट दी जाए।
एसपी को भी दे दिया था शपथ पत्र: पिछले माह दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद खिलाड़ी ने आरोपित से समझौता कर लिया और एसपी रोहतक को भी पत्र दिया कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहती। मगर एसपी ने एफआइआर रद करने से मना कर दिया था।
कोर्ट में पहुंची थी महिला खिलाड़ी: महिला खिलाड़ी बृहस्पतिवार को कोर्ट में भी पहुंची थी, जहां उसने बयान दिया कि उसे आरोपित की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है। उसे जमानत दे दी जाए।