नई टेलीकॉम पॉलिसी अगले साल जाने की उम्मीद है। इसमें सबके लिए इंटरनेट, 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नेक्स्टजेन टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट और सिक्युरिटी पर फोकस रहेगा। दूरसंचार सचिव अरुणा
सुंदरराजन ने बुधवार को एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई नीति के लिए जल्दी ही वर्किंग ग्रुप और समिति बनाई जाएगी। इंडस्ट्री और विशेषज्ञों की ज्यादा से ज्यादा राय लेने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। तीन-चार महीने तक इस पर सघन काम होगा। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई से भी सुझाव लिए जाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नेटवर्क अपग्रेड करने की जरूरत को देखते हुए नई पॉलिसी में निवेश बढ़ाने के उपाय भी किए जाएंगे। इंडस्ट्री पर अभी करीब 4.6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों का रेवेन्यू और मुनाफा दबाव में हैं। सुंदरराजन ने बताया कि सेक्टर की माली हालत दुरुस्त करने पर राय देने के लिए बनी अंतर-मंत्रालयी समिति 10 दिनों में रिपोर्ट दे देगी। इस मौके पर दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि मौजूदा पॉलिसी कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित है, नई पॉलिसी में यूजर फोकस में रहेगा। इसके लिए विभाग से बाहर के विशेषज्ञों की भी राय ली जाएगी। कंपनियां 4जी टेक्नोलॉजी का तेजी से विस्तार कर रही हैं। मेरा फोकस दो बातों पर है- उत्तर पूर्व और नक्सल प्रभावित इलाकों समेत पूरे देश में कनेक्टिविटी का विस्तार और नई टेक्नोलॉजी पर नजर, ताकि 5जी टेक्नोलॉजी में भारत पेटेंट अधिकार ले सके।
400% बढ़ा डाटा का इस्तेमाल: 56.1 करोड़ जीबी डाटा का इस्तेमाल हुआ अप्रैल-जून 2016 में,298.8 करोड़ जीबी पहुंच गया यह अक्टूबर-दिसंबर 2016 में,400% बढ़ गया डाटा का इस्तेमाल नौ महीने के दौरान।
117 करोड़ मोबाइल फोन कनेक्शन: 120 करोड़ टेलीफोन कनेक्शन थे देश में, अप्रैल 2017 में117 करोड़ इनमें से वायरलेस यानी मोबाइल कनेक्शन, 27.65 करोड़ है पूरे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन की संख्या।
टेलीकॉम सचिव ने बताया कि सेक्टर के लिए कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी) का गठन किया जाएगा। इस पर जल्दी काम शुरू होने की उम्मीद है। दूरसंचार उद्योग के विस्तार के साथ इसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण हो गई है। इसके विभिन्न पहलुओं पर नजर रखने के लिए अलग बॉडी की जरूरत है। इसीलिए सीईआरटी का गठन किया जा रहा है।
टेलीकॉम सचिव ने बताया कि सेक्टर के लिए कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी) का गठन किया जाएगा। इस पर जल्दी काम शुरू होने की उम्मीद है। दूरसंचार उद्योग के विस्तार के साथ इसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण हो गई है। इसके विभिन्न पहलुओं पर नजर रखने के लिए अलग बॉडी की जरूरत है। इसीलिए सीईआरटी का गठन किया जा रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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