Tuesday, March 1, 2016

मुरथल मामला: देवर सहित अन्यों पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली महिला की भूमिका भी 'संदिग्ध'

जाट आंदोलन के दौरान मुरथल के पास कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक महिला द्वारा देवर सहित ससुराल पक्ष के सात लोगों पर लगाए आरोपों को ग्रामीणों ने नकार दिया है। मामले में जठेड़ी के ग्रामीणों ने पंचायत की, जिसमें महिला का बहिष्कार किया गया है। ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग
की है। महिला की मां ने भी कहा कि उसकी बेटी 16 साल से दुष्कर्म के आरोप लगाती आ रही है। उसके आरोपों में सचाई नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नरेला में रह रही जठेड़ी की एक महिला ने मुरथल सामूहिक दुष्कर्म मामले में जांच कर रही विशेष टीम को शिकायत दी थी कि मुरथल में उपद्रव के दौरान 22-23 फरवरी की रात को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था तथा उसकी बेटी के कपड़े फाड़े गए थे। महिला के मुताबिक वह हरिद्वार से लौट रही थी। रास्ते में बस खराब होने के कारण वह वैन में बैठकर आ रही थी। इसी दौरान मुरथल के पास आंदोलनकारियों ने उसे जबरन उठा लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना को अंजाम देने वालों में उसका देवर भी शामिल था। 1इस मामले में सोमवार को गांव जठेड़ी में एक पंचायत आयोजित की गई। ग्रामीणों ने महिला के आरोपों को सिरे से नकारा है। ग्रामीणों ने तर्क दिया कि 1999 के बाद महिला ने दुष्कर्म के कई मामले दर्ज करवाए हैं, जिनमें बाद में सबूतों के अभाव में युवकों को बरी कर दिया गया था। महिला की मां ने भी पंचायत में कहा है कि उसकी बेटी ने पहले भी इस तरह के आरोप लगाए हैं। उसकी वजह से उसकी छोटी बेटी की जिंदगी भी खराब हो गई। महिला के उसके पति के साथ भी पहले ही संबंध समाप्त हो चुके हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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