बैंकों से 7600 करोड़ रुपय की राशि लेकर उसे चुकाने में असफल रहे उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के 17 बैंक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इन बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि माल्या को देश छोड़ने से रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों की याचिका स्वीकार कर लिया है। वह बुधवार को इस मामले
पर सुनवाई करेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एक तरफ जहां बैंक माल्या सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है वही सरकार ने भी बैंकों को माल्या से कर्ज वसूली के लिए हरसंभव तरीका इस्तेमाल करने की छूट दे दी है। सरकार माल्या के मामले को उन उद्योगपतियों के लिए एक मिसाल बनाना चाहती है जो बैंकों से कर्ज लेकर उसे लौटाने में आनाकानी करते हैं। माल्या की बंद हो चुकी एयरलाइन किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की कि माल्या को विदेश जाने पर फिलहाल रोका जाना चाहिए। बैंकों का कहना है कि माल्या के विदेश जाने से उनकी कंपनी से कर्ज वसूली के जो प्रयास चल रहे हैं, उन पर असर पड़ेगा। उधर, वित्त मंत्रलय के अधिकारियों का कहना है कि किंगफिशर पर बकाये राशि की वसूली में बैंकों को कितनी सफलता मिलती है, इससे आने वाले दिनों में एनपीए से जुड़े मामलों की दशा व दिशा तय होगी। यही वजह है कि वित्त मंत्रलय की तरफ से बैंकों को यह हरी झंडी दे दी गई है कि माल्या से कर्ज वसूली के लिए जो भी संभव हो, वह कदम उठाए जाने चाहिए। यही वजह है कि सरकारी बैंक जहां माल्या के खिलाफ जहां ऋण वसूली टिब्यूनल में मामला दायर किया हुआ वही माल्या के पासपोर्ट को जब्त करने और उन्हें विदेश दौरे पर जाने से रोकने के लिए भी सारा इंतजाम किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डीआरटी ने जिस तरह से माल्या को डियाजियो की तरफ से होने वाले 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के भुगतान को रोक दिया है उससे साफ है कि उन्हें अब राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यह हाल के दिनों में एनपीए (फंसे कर्जे) की वसूली के लिए डीआरटी का सबसे अहम कदम है। डीआरटी के निर्देश के मुताबिक अगर माल्या की संपत्तियों को बेचकर बैंकों को बकाये कर्ज का भुगतान नहीं हो पाता है तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय जिस मामले में माल्या की कंपनी की जांच कर रहा है उसमें भी उनकी गिरफ्तारी संभव है। सुप्रीम कोर्ट एनपीए से जुड़े एक मामले में अपनी नाराजगी पहले ही जता चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि लेकर उसे जानबूझकर नहीं लौटाने वाले ग्राहकों की सूची सार्वजनिक करने का भी आदेश हाल ही में दिया है।बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस की पूर्व महिला कर्मचारियों ने चुप्पी तोड़ते हुए विजय माल्या पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार और कर्मचारियों दोनों को ही एयरलाइन के दुबारा चालू होने के बारे में गुमराह किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला कर्मचारियों ने एक खुले पत्र में कहा कि माल्या ने एयरलाइन और कर्मचारियों को दोनों को मार डाला। उनकी वजह से सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए। माल्या को संबोधित पत्र में महिलाओं ने कहा कि उन्होंने एक बैठक में कहा था कि वह डिफॉल्टर नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि बैंक 5-10 फीसद से ज्यादा कर्ज वसूल नहीं पाएंगे। इससे माल्या की नियत का पता चलता है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.