Friday, March 18, 2016

जाट आरक्षण मामले पर सरकार ने बुलाया बातचीत के लिए, सरकार आंदोलन से निपटने को भी तैयार

हरियाणा में फिर से हिंसा फैली तो यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लिए कड़ी परीक्षा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम को स्पष्ट कर दिया कि कोई चूक नहीं होनी चाहिए। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बात कर पूरी समीक्षा की। अगर शुक्रवार को राज्य सरकार के साथ बैठक में जाट समुदाय नहीं माना तो सख्ती भी
होगी। मुख्यमंत्री को निर्देश दिया गया है कि पिछली बार की तरह न तो हिंसा भड़कनी चाहिए और न ही जनजीवन अस्त-व्यस्त होना चाहिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उनसे केंद्रीय नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है।1पिछले आंदोलन से सतर्क भाजपा और सरकार में दो स्तर पर काम हो रहा है। शासन-प्रशासन तो चुस्त दुरुस्त रखने का निर्देश है ही, संगठन स्तर पर भी राज्य के जाट और गैर-जाट नेताओं को पूरे सामंजस्य के साथ नजर रखने का निर्देश है। उनसे कहा गया है कि कोई भी नेता ऐसा बयान न दे जिससे दूसरे समुदाय की भावना आहत होती हो। बल्कि किसी काम से ऐसा भी नहीं दिखना चाहिए कि पार्टी के अंदर ही नेताओं में विभेद है। ऐसा हुआ तो उन्हें नहीं बख्शा जाएगा। ध्यान रहे कि जाट आरक्षण को लेकर अब तक कोई आमराय नहीं बन पाई है। 17 मार्च को विधेयक पेश किया जाना था, लेकिन वह विवाद में उलझ गया। इस बीच, जाट समुदाय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक तक आंदोलन टाल दिया है। फिर भी केंद्रीय गृह मंत्रलय ने पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल राज्य में भेज दिए हैं। रोहतक व झज्जर जैसे संवेदनशील शहरों पर तो नजर है ही, उन स्थानों पर भी पर्याप्त अर्धसैनिक बल पहुंचा दिए गए हैं जहां आंदोलनकारी उग्र हो सकते हैं।
जाटों का अल्टीमेटम खत्म होने से पहले ही सरकार ने उन्हें बातचीत का न्योता भेज दिया। शुक्रवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव एवं डीजीपी के साथ अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक होगी। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक की अध्यक्षता में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा चल रही थी कि डीसी की तरफ से सीटीएम सरजीत सिंह नैन सरकार का आमंत्रण लेकर पहुंचे। बैठक में सहमति बनी कि शुक्रवार को बातचीत में शामिल हुआ जाए। मलिक ने कहा कि यदि बातचीत सिरे नहीं चढ़ती है तो आंदोलन के लिए वह तैयार हैं। सरकार से बातचीत के बाद सभी पदाधिकारी 19 और 20 मार्च को जिला स्तर पर फैसले से लोगों को अवगत कराएंगे। इसके बाद 21 को दिल्ली में बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली के प्रतिनिधि शरीक होंगे। 
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साभारजागरण समाचार 
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