Wednesday, March 16, 2016

भड़काऊ ऑडियो क्लिप मामले में वीरेंद्र सिंह की जमानत याचिका ख़ारिज

देशद्रोह के आरोप में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सहयोगी प्रोफेसर वीरेंद्र की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार गुप्ता की अदालत ने मंगलवार को बहस के बाद उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अब पुलिस उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि प्रोफेसर के
वकील ऊपरी अदालत में जाएंगे। वहीं जज ने टिप्पणी में कहा है कि प्रोफेसर पर ऑडियो टेप के तहत देशद्रोह का केस नहीं बनता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील जोगेंद्र मोर, डीसी शर्मा और डीएसपी पवन कुमार शर्मा एवं इंस्पेक्टर जगबीर सिंह पेश हुए। वहीं प्रोफेसर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता जेके गक्खड़ और आरसी दलाल ने बहस की। बचाव पक्ष के वकीलों ने प्रोफेसर की जमानत मांगी और कहा कि प्रोफेसर पर देशद्रोह की धारा नहीं बनती है। इस धारा को गलत लगाया गया है। इसके बाद सरकारी वकीलों ने गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन में चर्चित हुए हार्दिक पटेल प्रकरण की एक कॉपी लगाई। इसका बचाव पक्ष के वकीलों ने विरोध करते हुए कहा कि हार्दिक पटेल का इस मुकदमे से कोई संबंध नहीं है। जवाब में सरकारी वकीलों ने कहा कि हार्दिक पटेल ने आंदोलन करने से दो दिन पूर्व सरकार को चेतावनी दे दी थी कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन को हिंसक कर दिया जाएगा। किंतु प्रोफेसर वीरेंद्र ने तो कोई चेतावनी भी नहीं दी और सीधे फोन के जरिये दंगा भड़का दिया।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। न्यायाधीश ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत का फैसला सवरेपरि है। इसलिए उच्च अदालत में जाएंगे। - जेके गक्खड़, प्रोफेसर के वरिष्ठ अधिवक्ता। 
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साभारजागरण समाचार 
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