पीजीआईएमएसरोहतक में मरीजों से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। यहां बीए, बीएससी के छात्रों को 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पैसे देकर हाउस सर्जन अपनी जगह ड्यूटी करा रहे थे। हाउस सर्जन की शह पर आसपास के कॉलेजों के छात्र उनकी एप्रेन पहनकर विभिन्न वार्डों में 8 घंटे तक ड्यूटी देते थे। यह खुलासा
विजिलेंस जांच रिपोर्ट में हुअा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इन छात्रों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। आरोपी छात्र अब ड्यूटी छोड़कर भाग गए हैं और उनके फोन भी स्विच ऑफ हैं। वहीं, डिप्टी एमएस ने पीजीआई थाना पुलिस में 4 हाउस सर्जन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा कराया है। एएसआई अशोक ने बताया कि झज्जर के बादली निवासी डॉ. ओमवीर, रेवाड़ी के मयूर विहार निवासी, डॉ. हितेश यादव, गांधी चौक निवासी डॉ. सुमित और बल्लभगढ़ की राजा नाहर सिंह कॉलोनी निवासी डॉ. कपिल कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
अस्पताल में हाउस सर्जन की नियुक्ति के लिए चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से एक पत्र मिलता था, जिसमें नाम के सिवाय अन्य कोई पहचान नहीं होती थी। पत्र लेकर डॉक्टर संबंधित विभाग में पहुंचता तो वहां बगैर वेरिफिकेशन उसे ड्यूटी पर रख लिया जाता। इसी खामी का फायदा उठाकर हाउस सर्जन अपने नाम से एमबीबीएस और बीए, बीएससी के छात्रों को ड्यूटी पर भेजते थे। चूंकि नाम, मोबाइल, बैंक अकाउंट सभी उन्हीं के नाम पर था। वे ड्यूटी करने वाले को भत्ते पर रखते थे और खुद एमएस की तैयारी या कुछ और करते।
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साभार: भास्कर समाचार
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