जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देशविरोधी नारेबाजी की घटना के पीछे छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का हाथ है। घटना की जांच के लिए बनाई गई आंतरिक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कन्हैया समेत 21 छात्रों को दोषी माना गया है। इनमें से तीन को निष्कासित और चार छात्रों को कुछ महीने के लिए निलंबित
किया जा सकता है। कुलपति को सौंपी गई यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। समिति की अनुशंसा के आधार जेएनयू के प्रॅाक्टर नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे। छात्रों को इसके लिए तीन दिन का समय दिया जा सकता है। कुलपति ने सोमवार सुबह सभी विभागों के डीन के साथ बैठक की और समिति की सिफारिशों को उनके समक्ष रखा। सूत्रों के मुताबिक जिन 21 छात्रों को कमेटी ने दोषी माना है उनमें छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य भी शामिल हैं। पांच सदस्यीय इसी समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर 12 फरवरी को कन्हैया कुमार सहित आठ विद्यार्थियों को शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद उनका निलंबन वापस हो गया।
उमर व अनिर्बान के छात्रवास से लैपटॉप बरामद: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने सोमवार को जेएनयू में जाकर देशद्रोह के आरोपी मास्टरमाइंड उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य के छात्रवास से उनके लैपटॉप व अन्य सुबूत बरामद किए। सेल का मानना है कि दोनों के लैपटाप से काफी सुबूत मिल सकते हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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