पीजीटी व टीजीटी शिक्षकों की रेगुलर भर्ती में आठ साल के टीचिंग अनुभव के लिए 16 अंक देने पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। शुक्रवार को जस्टिस रितु बाहरी की बेंच ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार, शिक्षा विभाग व स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी कर 29 अप्रैल तक पूरी
जानकारी मांगी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मामले में अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने वाली अनीता व 22 अन्य पात्र अध्यापकों ने टीचिंग अनुभव के नाम पर 16 अंक दिए जाने को सविंधान की धारा 14 व 16 का उल्लंघन बताते हुए याचिका दायर की थी। आरोप है कि रेगुलर शिक्षक भर्ती में सिर्फ गेस्ट टीचर्स को ज्यादा से ज्यादा एडजेस्ट करने के लिए यह कदम उठाया गया। याची के वकील जगबीर मलिक ने बहस के दौरान कहा कि वर्ष 2009 में भी तत्कालीन हुड्डा सरकार ने गेस्ट टीचर्स को बैक डोर से रेगुलर करने के उद्देश्य से उनको अनुभव के 24 अंक व अध्यापक पात्रता परीक्षा में विशेष छूट दी थी। हालांकि पहले हाईकोर्ट और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे रद करते हुए सरकार के निर्णय पर कड़ी टिप्पणियां की थी। अब चूंकि सभी गेस्ट टीचर्स को आठ साल पूरे हो चुके हैं, इसलिए उनके 16 अंक तो पक्के हो ही गए हैं, जबकि अन्य उम्मीदवारों को इस कारण भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर होना पड़ेगा। अगर 20 पदों के लिए कुल 40 उम्मीदवार दावेदार हों और उनमे से 20 के पास आठ साल का टीचिंग अनुभव है तो उन सभी उम्मीदवारों का चयन हो जाएगा और बगैर अनुभव वाले अन्य योग्य बाहर हो जाएंगे। हाईकोर्ट में यह भी तथ्य रखा गया कि प्रदेश सरकार अन्य विभागों में तो आठ साल के कार्य अनुभव के सिर्फ आठ अंक दे रही है तो फिर शिक्षक भर्ती में दोगुने अंक क्यों।
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साभार: जागरण समाचार
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