Wednesday, March 9, 2016

अब अधिकारी भी सुनेंगे स्कूली बच्चों के 'मन की बात'

अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता से मन की बात करते आ रहे हैं। इसी तर्ज पर अब स्कूली बच्चों से विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मन की बात सुनेंगे। इसके लिए सभी अतिरिक्त उपायुक्तों को विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को नोडल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्र लिखा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे स्कूली बच्चों को अपने मन की बात कहने के लिए बेहतर मौके मिलेंगे और उनका मनोबल भी बढ़ेगा। इस कार्यक्रम के लिए जिला शिक्षा अधिकारी नोडल अधिकारियों को गाइड लाइन उपलब्ध करवाएंगे। दूसरे विभागों के अधिकारियों से रूबरू होने से बच्चों को बेहतर एक्सपोजर मिलेगा। अब तक स्कूली बच्चों के मन की बात केवल प्रधानमंत्री ही सुनते थे पर अब सभी जिलों में विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी भी स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू हुआ करेंगे और उनकी समस्याएं जानेंगे। पांच सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री ने इस योजना को देश भर में लागू किया था। अब इस योजना को और अधिक कारगर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने कदम उठाया है। शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव को इंटरेक्शन ऑफिसर विद स्कूल स्टूडेंट कार्यक्रम के स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर के तौर पर नोडल ऑफिसर जिम्मेदारी सौंपी है। इस कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का फैसला लिया है। जिले में इस कार्य के लिए अतिरिक्त उपायुक्तों को जिम्मेदारी दी गई है। अब सभी जिलों में नोडल अधिकारी बच्चों के मन की बात सुनेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को पार्ट टाइम वॉयलिंटरिंग करनी होगी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों से रूबरू होने से बच्चों को एक्सपोजर मिलेगा। कार्यक्रम में केवल क्लास वन के अधिकारियों को ही शामिल किया जाएगा।
इस प्रकार रहेगा शेड्यूल: नोडल अधिकारी अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा ने बताया कि विभाग को पत्र प्राप्त हो चुका है अब उसके अनुसार रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रोजेक्ट कोर्डीनेटर कार्यक्रम का शेड्यूल तैयार करेंगे। कार्यक्रम के तहत बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से एक घंटे में जागरूक करेंगे और उसके बाद 20 मिनट तक बच्चों से रूबरू होंगे। इस दौरान राष्ट्रीयता, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, विकास, कैरियर काउंसलिंग, राष्ट्र निर्माण आदि मुद्दों पर टिप्स भी दिए जाएंगे। अधिकारियों की स्कूलों में विजिट का समय गर्मियों में सुबह सात से नौ बजे तक और सर्दियों में सुबह नौ से 11 बजे तक रहेगा। 
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साभार: अमर उजाला समाचार 
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