पाकिस्तानमें रहने वाले गुरचरण सिंह ने बायोलॉजी में एमफिल करके इतिहास रचा है। देश के बंटवारे के बाद यह पहली बार है कि किसी सिख ने वहां पर ऐसी सफलता पाई है। गुरचरण सिंह गुरुद्वारा ननकाना साहिब में रागी प्रोफेसर हैं। निजी स्कूल में पढ़ाई शुरू करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा का सफर जारी रखते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी लाहौर से यह डिग्री हासिल की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य
से पढ़ रहे हैं। वह सुबह-शाम ननकाना साहिब में कीर्तन की सेवा निभाते हैं और बच्चों को गुरमत ज्ञान संगीत तथा कीर्तन की शिक्षा भी देते हैं। डिग्री लेने के बाद ननकाना साहिब में माथा टेकने पहुंचे गुरचरण िसंह को ग्रंथी प्रेम सिंह, भाई दया सिंह ने सिरोपा देकर सम्मानित भी किया। गुरचरण की इस सफलता पर एसजीपीसी प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने भी उनको बधाई दी है और कहा कि उन्होंने सिख संगत का पूरी दुनिया में मान और नाम दोनों बढ़ाया है। उन्होंने पाक सरकार द्वारा उनको सम्मानित किए जाने को भी सराहनीय कदम करार दिया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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