5152 वीं गीता जयंती के अवसर जन्मस्थली कुरुक्षेत्र के साथ ही हरियाणा के हर जिले में यह उत्सव मनाया जाएगा, लेकिन राजधानी चंडीगढ़ इससे वंचित रहेगी। बहरहाल सरकार ने हर जिले में गीता जयंती मनाने की ब्रांडिंग शुरू कर दी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र में गीता जयंती समारोह 17 से 21 दिसंबर तक मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम केंद्र की सहायता से राज्य सरकार आयोजित करेगी। जबकि राज्य के दूसरे जिलों में 17 से 19 दिसंबर तक गीता जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा। हरियाणा के हर जिले में गीता जयंती पहली बार मनाई जाएगी। हरियाणा सरकार इसे अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धि के तौर पर देख रही है। राज्य सरकार ने इस उपलब्धि के लिए बाकायदा भगवान श्रीकृष्ण और मोहग्रस्त अर्जुन के कटआउट वाला पोस्टर तैयार कराया है जिसे हरियाणा की सभी बसों पर लगाया जाएगा। प्रदेश सरकार हर जिले में गीता जयंती समारोह आयोजन की ब्रांडिंग करने की तैयारी में है।
केंद्र सरकार के नार्थ जोन कल्चरल सेंटर (एनजेडसीसी) ने कुरुक्षेत्र में पांच तक चलने वाले गीता जयंती समारोह के लिए पांच कार्यक्रम और कलाकारों के नाम तय कर लिए हैं। लेकिन प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ स्थित कलाग्राम के एनजेडसीसी कार्यालय के को-आर्डिनेटर यशविंद्र शर्मा के अनुसार गीता जयंती के मौके पर चंडीगढ़ में कार्यक्रम आयोजित करने की कोई योजना नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि गीता जयंती के तुरंत बाद चंडीगढ़ के कलाग्राम में एनजेडसीसी सातवां क्राफ्ट मेला आयोजित करेगा।
अनूप जलोटा, सैयद सलाउद्दीन व सरदूल सिकंदर बांधेंगे समां: एनजेडसीसी पटियाला की प्रोग्राम अफसर कमलेश के मुताबिक कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता जयंती के मुख्य समारोह के दौरान 17 से 21 दिसंबर तक विश्वविख्यात भजन गायक अनूप जलोटा, पदमश्री क्लासिकल डांसर पद्मा गौहर, सरदूल सिकंदर, सैयद सलाऊद्दीन ताशा और संगीता शर्मा अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कुरुक्षेत्र में गीता जयंती समारोह का आगाज 17 दिसंबर को संगीता शर्मा के डांस ड्रामा अभिमन्यु से होगा। 18 दिसंबर को अनूप जलोटा भजन प्रस्तुत करेंगे । 19 दिसंबर को पद्म श्री पद्मा गौहर क्लासिकल डांस ड्रामा गीत गोबिंदम प्रस्तुत करेंगे जबकि 20 दिसंबर को सरदूल सिकंदर भजन सुनाएंगे। उल्लेखनीय है कि गीता जयंती 21 दिसंबर को है और इस अवसर पर सैयद सलाउद्दीन ताशा भागवत गीता आनव्हील की प्रस्तुति देंगे।
और चंडीगढ़ को भूल गए: गीता जयंती कुरुक्षेत्र उत्सव को भव्य और विराट स्वरूप देने की शुरुआत एनडीए वन में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रहे जगमोहन ने वर्ष 2002 में की थी। तब गीता जयंती को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में प्रोजेक्ट करने की शुरुआत हुई थी। हालांकि 2004 में यूपीए वन की सरकार बनने के बाद से गीता जयंती का स्वरूप छोटा होता चला गया। 2014 में एनडीए की सरकार दोबारा बनने बाद गीता जयंती को विराट रूप देने की कवायद फिर से शुरू हुई है। गीता जयंती को वर्तमान सरकार हर जिले में आयोजित कर अपनी उपलब्धियों में शामिल करना चाहती है। लेकिन प्रदेश की राजधानी में इस उत्सव को मनाने की कोई रुचि नहीं है। हालांकि 5151वां गीता जयंती समारोह की शुरुआत 2015 के जनवरी माह में स्वामी ज्ञानानंद ने सरकार के सहयोग से लाल किला मैदान से की थी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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