पंजाब और हरियाणा में छात्रों की सुरक्षा के प्रति संजीदगी न बरतने पर हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को फटकार लगाई गई। कहा है कि छात्रों की सुरक्षा से कैमरे की कीमत अधिक नहीं है। मामले में सरकारी वकीलों ने कहा है कि जिन कैमरों को लगाने का निर्देश दिया गया है, उसकी कीमत 40 से 50 हजार है। इस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि एक दिसंबर तक स्कूल प्रबंधन और बस ऑपरेटर अपनी बसों में सुरक्षा मापदंड अपनाएं, अन्यथा बसों का संचालन बंद कर दें। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी। जस्टिस राजीव भल्ला की एकल बेंच ने कहा है कि स्कूलों को हर हालत में सुरक्षित वाहन नीति अपनानी ही होगी। बात चाहे हाईड्रोलिक या पावर दरवाजों की हो, या फिर कैमरों और अटेंडेंट की। स्कूल प्रबंधकों और छात्रों के वाहनों का संचालन करने वाले ट्रांसपोर्टरों को दोनों राज्यों की ओर से तय सुरक्षित वाहन नीति का पालन करना ही होगा। नीति अपनाने के लिए हाईकोर्ट ने एक महीने का समय दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि स्कूल प्रबंधन या ऑपरेटर ऐसा नहीं कर सकते तो वे स्कूल वाहनों का संचालन बंद कर दें। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि स्कूल प्रबंधन या ऑपरेटर आदेश का पालन नहीं करते तो एक दिसंबर को बेंच अपने स्तर पर सख्त निर्देश देगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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