जाने माने फिल्म निर्माता दिबाकर बनर्जी, आनंद पटवर्द्धन और आठ अन्य ने बुधवार को विरोध करे एफटीआईआई के छात्रों के समर्थन और देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिया है। बनर्जी और दूसरे फिल्म निर्माताओं ने कहा कि एफटीआईआई के छात्रों की समस्या हल करने में सरकार द्वारा प्रदर्शित की गई उदासीनता और बहस के विरुद्ध देश में असहिष्णुता के आम माहौल को देखते हुए पुरस्कार
लौटाने का निर्णय लिया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बनर्जी ने कहा, ‘मैं यहां गुस्से या नाराजगी में नहीं हूं। ये भावनाएं काफी पहले ही दम तोड़ चुकी है। मैं यहां लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हूं। खोसला का घोंसला के लिए मिला मेरा पहला राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाना मेरे लिए कोई आसान सी बात नहीं है। यह मेरी पहली फिल्म थी और कई लोगों के लिए सबसे चहेती फिल्म थी।’ उन्होंने कहा कि अगर बहस, या प्रश्न करने को लेकर असहिष्णुता है और विद्यार्थियों की इकाई द्वारा पढ़ाई का बेहतर माहौल चाहने को लेकर असहिष्णुता है और यह असहिष्णुता उदासीनता से जाहिर होती है तो हम इसका विरोध करते हैं। प्रख्यात डॉक्यूमेंट्री निर्माता पटवर्द्धन ने कहा कि सरकार चरम दक्षिण पंथ को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसती सारी घटनाएं एक साथ होते उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। जो होने जा रहा है यह उसकी शुरुआत के संकेत हैं और यही वजह है कि देश भर के लोग अपने तरीके से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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