हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहली नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर प्रदेश के कैदियों के लिए सजा में विशेष माफी की घोषणा की है। सरकार के फैसले के मुताबिक जिन कैदियों को 10 साल या उससे अधिक की सजा हुई है। उन्हें 60 दिन की माफी दी जाएगी। जिन कैदियों को पांच साल अथवा 10 साल से कम सजा हुई है, उन्हें 45 दिन की माफी दी जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिन कैदियों को दो साल या उससे अधिक परंतु पांच साल से कम की सजा हुई है, उन्हें 30 दिन की सजा में माफी दी जाएगी। जिन कैदियों को दो साल से कम की सजा हुई है, उन्हें 15 दिन की छूट दी जाएगी। यह छूट उन कैदियों को नहीं मिलेगी, जो जमानत पर चल रहे हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बलात्कार, दहेज हत्या, अपहरण और डकैती और 14 साल की कम उम्र के बच्चों की हत्या के कैदियों को कोई माफी नहीं दी जाएगी। टाडा अधिनियम, सरकारी गोपनीयता अधिनियम, विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 2 और 3 और भारतीय दंड संहिता की धारा 121 से 130 के तहत सजा काट रहे कैदियों को माफी नहीं दी जाएगी। किसी भी वर्ग से संबंधित कैदी, पाकिस्तान राष्ट्र, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 107, 109 और 110 के तहत अपने अच्छे व्यवहार के लिए शांति रखने के लिए सुरक्षा देने में नाकाम रहने वाले कैदियों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है।
जेल मैनुअल तोड़ने वालों को रोहत नहीं: पिछले दो वर्षों के दौरान जिन्होंने जेल में कानून तोड़ा है और जिन्हें जेल मैन्युअल के प्रावधानों के तहत सजा मिली है, उन्हें भी किसी भी प्रकार की माफी नहीं मिलेगी।
जेल में रिपोर्ट करेंगे तब भी राहत: यह माफी उन सभी कैदियों को दी जाएगी, जो हरियाणा दिवस के दौरान पेरोल पर हैं और पैरोल की समय सीमा समाप्त होने से पहले जेल में रिपोर्ट कर देते हैं। सजा के साथ जुर्माने की अदायगी न करने वाले कैदियों को भी माफी नहीं मिलेगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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