Friday, October 30, 2015

चीन में 'हम दो हमारा एक' नीति खत्म. दूसरे बच्चे के लिए अनुमति

देश में बुजुर्गो की बढ़ती तादाद से डरे चीन ने तीन दशक से ज्यादा पुरानी एक संतान (वन चाइल्ड पॉलिसी) नीति को दरकिनार कर दिया है। 1970 के दशक में लागू की गई इस कठोर नीति को चीन में अब कामगारों की कमी के लिए जिम्मेवार माना जा रहा है। अर्थव्यवस्था पर जनसंख्या असमानता के दबाब से सत्ताधारी चीन
की कम्युनिस्ट पार्टी को डर है कहीं चीन धनी होने से पहले बूढ़ा न हो जाए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नीति दरकिनार किए जाने की घोषणा पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई है। यह बैठक वित्तीय सुधार और 2016 एवं 2020 के बीच विकास दर बनाए रखने पर पर केंद्रित था। पार्टी ने कहा है, ‘देश में हर दंपती के पास दो बच्चे होने की नीति लागू होगी। बुजुर्गो की बढ़ती आबादी को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।’ नया कानून कब से लागू होगा इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। चीन में पहली बार 2012 में कामगारों की संख्या में कमी महसूस की गई। 2013 में बीजिंग ने कहा था कि शर्ते पूरी करने वाले दंपती को दूसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति दी जाएगी। इस ढील पर शहरी समुदाय ने रुचि नहीं दिखाई। लोगों ने बच्चे पर होने वाले खर्च का उदाहरण दिया।चीन में इस नीति के कारण लिंगानुपात बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोगों की चाहत बेटे की है। अनुमान है कि 2020 तक देश में लड़का-लड़की के अनुपात में 2 करोड़ का अंतर आ सकता है। 
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साभारजागरण समाचार 
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