उत्तर भारतीय राज्यों में नई शिक्षा नीति के स्वरूप पर शीघ्र ही अंतिम मोहर लगने जा रही है। गुड़गांव में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में उत्तर भारतीय राज्यों के शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन 31 अक्टूबर को होगा। इस सम्मेलन में नई शिक्षा नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने सोमवार को झज्जर में यह जानकारी दी। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में उन्होंने बताया कि
हरियाणा के सभी 6072 गांवों में नई शिक्षा नीति के स्वरूप को लेकर चर्चा की गई। शिक्षा के स्वरूप पर राज्य के दो लाख लोगों ने अपने सुझाव भी दिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिक्षा मंत्री शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार है और गुड़गांव में होने वाले सम्मेलन में अंतिम चर्चा के उपरांत इसको स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। भारतीय संस्कृति से जुड़े मूल्यों के अनुरूप नई शिक्षा नीति का निर्धारण किया गया है। सरकारी स्कूलों में अनुतीर्ण न करने की नीति के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने बताया कि तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक सब कमेटी का गठन किया था और इस कमेटी की अध्यक्ष हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल थी। इस सब कमेटी ने पहली से आठवीं कक्षा तक अनुतीर्ण न करने की सिफारिश की थी। ऐसी सिफारिश के दुष्परिणाम सबके सामने हैं। हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के उपरांत उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष अनुतीर्ण न करने की नीति को रद करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने तुरंत प्रभाव से मंजूर भी किया। स्कूलों में नियमित मूल्यांकन न होना बच्चों के विकास में बाधक है, ऐसे में पुरानी पद्धति में बदलाव लाना बेहद जरूरी था।
हरियाणा के सभी 6072 गांवों में नई शिक्षा नीति के स्वरूप को लेकर चर्चा की गई। शिक्षा के स्वरूप पर राज्य के दो लाख लोगों ने अपने सुझाव भी दिए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिक्षा मंत्री शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार है और गुड़गांव में होने वाले सम्मेलन में अंतिम चर्चा के उपरांत इसको स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। भारतीय संस्कृति से जुड़े मूल्यों के अनुरूप नई शिक्षा नीति का निर्धारण किया गया है। सरकारी स्कूलों में अनुतीर्ण न करने की नीति के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने बताया कि तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने एक सब कमेटी का गठन किया था और इस कमेटी की अध्यक्ष हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल थी। इस सब कमेटी ने पहली से आठवीं कक्षा तक अनुतीर्ण न करने की सिफारिश की थी। ऐसी सिफारिश के दुष्परिणाम सबके सामने हैं। हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के उपरांत उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष अनुतीर्ण न करने की नीति को रद करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने तुरंत प्रभाव से मंजूर भी किया। स्कूलों में नियमित मूल्यांकन न होना बच्चों के विकास में बाधक है, ऐसे में पुरानी पद्धति में बदलाव लाना बेहद जरूरी था।
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साभार: जागरण समाचार
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