Thursday, October 22, 2015

RTI लगाना है तलवार पर चलने जैसा

आरटीआइ कानून किसी कर्मचारी, अधिकारी व जनप्रतिनिधि द्वारा की गई गड़बड़ी का खुलासा करने का अधिकार भी प्रदान करता है। जब एक आम आदमी को इतना बड़ा अधिकार मिल जाए तो इसके नकारात्मक परिणाम भी सामने आते हैं। बैजलपुर निवासी विनोद कुमार के साथ ऐसा ही हुआ। उसे सरपंच के खिलाफ आरटीआइ लगाने के बदले जान गंवानी पड़ी। पेशे से दूध विक्रेता विनोद कुमार ने ग्राम पंचायत से विकास कार्यों
संबंधी रिकॉर्ड मांगा था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके बाद विरोधी पक्ष ने ऐसी साजिश रची कि उसकी हत्या ही करवा दी गई। यह घटना 26 जुलाई 2014 की है। सुबह के वक्त बैजलपुर निवासी विनोद कुमार आसपास के गांवों से दूध एकत्र करने के लिए गया था। सुबह सात बजे संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस के समक्ष आरोप लगाया कि विनोद की हत्या की गई है। पुलिस ने जांच की तो मामला हत्या का ही पाया गया। तत्कालीन थाना प्रभारी प्रदीप श्योराण ने खुलासा किया कि विनोद की सरपंच प्रभु दयाल से अनबन रहती थी। विनोद अक्सर ग्राम पंचायत के कार्यों संबंधी जानकारी आरटीआइ के जरिये लेता रहता था। सरपंच इस बात से परेशान था। इसलिए उसने साजिश रची और सुपारी देकर उसकी हत्या करवा दी गई। पुलिस के मुताबिक मृतक विनोद का भाई भी इस वारदात को अंजाम देने में शामिल था। इस मामले में आठ लोगों को नामजद किया गया था। आरटीआइ कार्यकर्ता होना नंगी तलवार पर चलने के समान है। अक्सर आरटीआइ लगाने वालों को ब्लैकमेलर की संज्ञा दी जाती है। शायद ही कोई आरटीआइ कार्यकर्ता हो, जिस पर ब्लैकमेल करने का आरोप न लगा हो क्योंकि आरटीआइ लगाने वाले काफी लोग ऐसे भी होते हैं, जो निजी फायदे के लिए समझौता कर लेते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.