बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की सफलता के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मोबाइल के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार बढ़ाना चाहता है। देश में घटते लिंग अनुपात के संतुलन के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जागरूकता बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने सेलटिक मोबाइल मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया है। माना जा रहा है कि इस प्रयास से 10 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ताओं तक सरकार का संदेश आसानी से पहुंच सकेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक अभियान का उद्देश्य लैगिंक समानता और लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। दरअसल, 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 918 आंकी गई है। यह देश में लड़कियों के जन्म के सबसे खराब प्रतिशत को दर्शाता है। मंत्रालय से किए गए समझौते के मुताबिक कंपनी मोबाइल के माध्यम से संदेश को पहुंचाने का काम करेगी। जबकि जरूरी सूचनाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी।
महत्वपूर्ण यह है कि मोबाइल उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंदीदा भाषा में सूचना देने पर विचार किया जा रहा है। इस संदर्भ में देश के सभी महत्वपूर्ण मोबाइल ऑपरेटरों के साथ सलाह-मशविरा भी किया जा रहा है। इस प्रयास से मोबाइल धारकों को योजना से जुड़ी सभी सूचनाएं प्राप्त हो सकेगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सचिव वी सोमसुंदरन ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। तकनीक का सहारा लेकर इस बारे में जागरूकता बढ़ाने की पहल होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार के प्रयास से लिंग अनुपात बेहतर हो सकेगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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