Sunday, October 25, 2015

आत्महत्या प्रयास करने वाली जेबीटी अध्यापिका ने डीसी को लिखा ये पत्र

कैथल में छेड़छाड़ से तंग आ कर जहर खाने वाली जेबीटी अध्यापिका कंचन ने कैथल के डीसी के एम पांडुरंग को जो पत्र लिखा उसके कुछ अंश:
मैं कंचन जेबीटी अध्यापिका राजकीय प्राथमिक पाठशाला सीवन गेट कैथल में दस साल से कार्यरत हूं। दस साल से अनेकों संघर्षों का सामना कर रही हूं। एक पुरुष अध्यापक उसने 16 अक्तूबर, को स्कूल इंचार्ज के सामने
गंदा व्यवहार किया। इन बातों को मैं अपने घर भी नहीं बता सकती। नर्सरी का बच्चा गुम होने पर मुझे प्रताड़ित किया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 14 अक्तूबर को अध्यापक ने मेरे साथ ऐसे गंदे शब्दों के साथ व्यवहार किया कि मैं घर में भी बताने में असमर्थ थी। आज 19 अक्तूबर को एक अधिकारी के सामने मुझे ही प्रताड़ित किया गया। एक व्यक्ति अध्यापक का प्रोफेशन इसीलिए अपनाता है कि आगे चलकर बच्चों को सच्चाई व ईमानदारी के रास्ते पर ले जा सके। आज मैं टीचिंग लाइन छोड़कर मौत की ओर अग्रसर हो रही हूं। जब एक टीचर एक फाइनेंसर की तरह मुझे धमकी दे रहा है। जब एक महिला अध्यापिका की कोई इज्जत नहीं है तो उसे जॉब छोड़कर घर बैठ जाना चाहिए। मैं गंदे शब्दों को सहन करने में असमर्थ हूं। पुरुष प्रधान समाज में एक औरत का वजूद मुझे समझ में आ रहा है। वह अध्यापक सबको अपने पक्ष में कर चुका है। मेरे साथ नहीं बल्कि यहां पूर्व में रही अन्य बहुत सी महिला अध्यापिकाओं के साथ यह समस्या है। आज मैं अपनी समस्या का समाधान खुद ही कर रही हूं। क्योंकि इस अध्यापक जैसे भेड़िए हर जगह मौजूद हैं। मैं अपने सम्मान को कब तक बचाऊं। मेरे पास समय की कमी होने के कारण मैं आपसे आत्महत्या की परमिशन मांगती हूं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारअमर उजाला समाचार 
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