बिजली के बिलों के अंग्रेजी में आने से इसमें लगने वाले कई तरह चार्ज को नहीं समझ पाने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। निगम अब बिलों को हिंदी में भेजेगा। यह सुविधा नवंबर माह के बिलों से शुरू होगी। शुरुआत में इसे ग्रामीण क्षेत्रों में डोमेस्टिक एवं एग्रीकल्चर कनेक्शनों पर लागू किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इसे शहरों में भी लागू किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। निगम ने ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए बिजली बिलों को हिंदी भाषा में छापने का निर्णय लिया है। इसके लिए निगम ने बिल निर्माता हारट्रोन कंपनी को हिंदी भाषा में बिल छापने के निर्देश दिए हैं। इन बिलों पर लिखी गई सारी डिटेल व बिलों के पीछे लिखी इंस्ट्रक्शन भी हिंदी भाषा में होंगी।
जिससे कम पढ़े लिखे उपभोक्ता भी अब टेरिफ रेट, सर्कल चार्ज व संडरी चार्ज का अर्थ समझ सकेंगे।
अंग्रेजी भी साथ: हिंदी बिलों को सरल बनाने के लिए भी निगम ने एक तरकीब निकाली है। निगम की ओर से अंग्रेजी में लिखा एफएसए चार्ज का हिंदी अर्थ लिखने साथ एफएसए भी लिखा जाएगा। ताकि अंग्रेजी के जानकार उपभोक्ताओं को भी उन बिलों को समझने में कोई परेशानी न हो।
21 साल बाद हिंदी में छपेंगे बिल: बिजली निगम अब 21 वर्षों के बाद उपभोक्ताओं को हिंदी भाषा में छपे बिल जारी करेगा। बिजली बोर्ड के गठन के समय उपभोक्ताओं को बिल कम नोटिस भेजे जाते थे। जो हिंदी भाषा में छपे होते थे, बिजलीकर्मी उन बिलों पर हस्तलिखित रीडिंग के बिल भेजते थे। मई 1994 में कंप्यूटर के आगमन पर बिजली बोर्ड की ओर से उपभोक्ताओं को अंग्रेजी भाषा के बिल भेजने शुरू किए थे। यह सिलसिला पिछले 21 सालों से चला आ रहा है। ऑल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव तेजपाल ने कहा कि जब देश की राष्ट्रीय भाषा हिंदी है तो फिर निगम एवं अन्य सरकारी विभागों में उसी भाषा में काम होना चाहिए।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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