हरियाणा में दालों के भाव कम करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने परचून बिक्री के लिए विभिन्न दालों के अधिकतम दाम तय कर दिए हैं। भविष्य में प्रत्येक जिले में थोक विक्रेता प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाए गए विशेष स्थानों पर दालों की बिक्री निर्धारित दामों के तहत ही करेंगे। उन्हें सरकार की ओर से मार्केट फीस में छूट दी जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएस प्रसाद ने बताया कि सभी थोक विक्रेताओं से बातचीत के बाद यह सहमति बनी है। प्रदेश में परचून में चना दाल 58 रुपये, मूंग दाल 95-100, मसूर (मल्कां) 75-80 रुपये, मसूर दाल 70-74 रुपये और उड़द दाल (छिलका) 120-125 रुपये से अधिक नहीं बेची जाएगी। इसके लिए सभी थोक विक्रेताओं ने सहमति दे दी है। इसके साथ सभी दालों का एक साथ स्टाक करने के लिए स्टाक सीमा वार्षिक पिसाई क्षमता का 1/24 हिस्सा निर्धारित किया गया है। कच्चे माल के लिए और स्टाक सीमा वार्षिक पिसाई क्षमता का 1/48 हिस्सा निर्धारित किया गया है। सरकार ने थोक विक्रेता, वितरक एजेंट, विक्रेता एजेंट के लिए दालों की स्टाक सीमा 250 क्विंटल और परचून विक्रेता के लिए 25 क्विंटल निर्धारित की गई है। दालों का वितरण आगामी 15 दिन में शुरू हो जाएगा। इससे दालों की कीमतों में और गिरावट आएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रसाद ने बताया कि सभी जिला उपायुक्तों को जिला स्तर पर एचसीएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक चेकिंग टीम का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। टीमों की ओर से आज तक 736 चेकिंग की गई हैं, जिसमें से केवल करनाल जिले में एक होलसेलर के पास 120 क्विंटल दाल स्टाक सीमा से अधिक पाई गई, जिसे जब्त कर लिया गया है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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