केंद्र सरकार शीघ्र ही वेतन-भत्ते से जुड़े नए प्रस्तावित कानून राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम पर अंतिम निर्णय ले लगी और इसके लिए सभी संबंधित त्रिपक्षीय पक्षों के साथ बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। ये बातें केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को कही। वे यहां भारतीय उद्योग परिसंघ
(सीआइआइ) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पत्रकारों से वार्ता में दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम से संबंधित सुधारों पर राज्यों, ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों के साथ विचार-विमर्श पहले ही पूरा हो चुका है जिसे एक दो महीने के अंदर इसे घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी राज्य सरकारों को इसे लागू करना होगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चार पुराने कानूनों न्यूनतम वेतनमान अधिनियम 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 को खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति चाहती है। इनकी जगह सरकार एक नया कानून बना रही है। इसके तहत 44 पुराने श्रम कानूनों को चार आचार संहिताओं में समाहित कर दिया जायेगा। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार कारखानों के लॉक-आउट होने की स्थिति में मजदूरों को मजदूरी देने की मियाद 15 दिन से बढ़ा कर 45 दिन करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है जिसके तहत बंद या हड़ताल बुलाने के 14 दिन पहले इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा।
(सीआइआइ) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पत्रकारों से वार्ता में दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन अधिनियम से संबंधित सुधारों पर राज्यों, ट्रेड यूनियनों और कर्मचारियों के साथ विचार-विमर्श पहले ही पूरा हो चुका है जिसे एक दो महीने के अंदर इसे घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी राज्य सरकारों को इसे लागू करना होगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चार पुराने कानूनों न्यूनतम वेतनमान अधिनियम 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 को खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति चाहती है। इनकी जगह सरकार एक नया कानून बना रही है। इसके तहत 44 पुराने श्रम कानूनों को चार आचार संहिताओं में समाहित कर दिया जायेगा। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार कारखानों के लॉक-आउट होने की स्थिति में मजदूरों को मजदूरी देने की मियाद 15 दिन से बढ़ा कर 45 दिन करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है जिसके तहत बंद या हड़ताल बुलाने के 14 दिन पहले इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा।
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साभार: जागरण समाचार
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