Wednesday, October 14, 2015

एससी कर्मचारियों की मांग: न करे सरकार पदावनत

आरक्षण मामले में जाटों के बाद अब एससी-बीसी वर्ग के कर्मचारी सरकार से नाराज हो गए हैं। इसकी वजह हाईकोर्ट के आदेश के कारण सरकार द्वारा पदोन्नतियों में आरक्षण खत्म करके एससी वर्ग के कर्मचारियों को रिवर्ट करने की कोशिश है। एससी, एसटी, ओबीसी संगठनों के परिसंघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ज्ञापन देकर एससी वर्ग के कर्मचारियों को रिवर्ट करने और पदोन्नतियों में आरक्षण का लाभ जारी रखने की मांग की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि हरियाणा में सरकारी नौकरियों में 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होने के बावजूद आज तक उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं दिया गया। सीधी भर्ती और पदोन्नतियां समय पर नहीं की जाती, बल्कि बाद में कई-कई साल की एक साथ की जाती हैं। जब भी भर्ती होती है, तो एससी कर्मचारियों की वरिष्ठता सबसे नीचे दर्शाई जाती है। प्रदेश सरकार ने 9 फरवरी 1979 को चतुर्थ श्रेणी से प्रथम श्रेणी की सीधी भर्ती में और चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी के पदों पर पदोन्नति में 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। कोर्ट ने सरकार की 16 मार्च, 2006 की हिदायतों को इसलिए समाप्त किया था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से एम. नागराज मामले में दिए गए फैसले के अनुसार आंकड़े जानबूझकर एकत्रित नहीं किए गए थे। मौजूदा सरकार ने ये आंकड़े जुटा लिए हैं। सरकार ने एम.नागराज फैसले के आधार पर ही एससी कर्मचारियों को 1 अप्रैल, 2013 से ही वरिष्ठता का लाभ दिया है। इसलिए एससी कर्मचारियों को रिवर्ट करने के बजाय सभी प्रावधानों का पहले गहन अध्ययन कराया जाए। 
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साभारभास्कर समाचार 
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