Monday, October 12, 2015

बिना कुलपति के चल रही हरियाणा की यूनिवर्सिटियां

प्रदेश की उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए भले ही कितने भी प्रयास क्यों न हो रहे हैं, बावजूद कई महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी में शिक्षा का दारोमदार कार्यवाहक कुलपति के भरोसे है। ऐसे में कार्यवाहक कुलपति न अपने डिपार्टमेंट पर ध्यान दे रहे हैं और न ही यूनिवर्सिटी में। सरकार की इस अनदेखी के चलते प्रदेश में उच्च शिक्षा के हालात डगमगाते दिखाई दे रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
जीजेयू हिसार को लंबे समय बाद मिला वीसी: हिसार की जीजेयू यूनिवर्सिटी में कुलपति का पद विधानसभा चुनाव के समय से ही खाली था। सीडीएलयू के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा को यूनिवर्सिटी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। अब लंबे समय बाद यूनिवर्सिटी में स्थायी वीसी के तौर पर पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रो. टंकेश्वर को नियुक्त किया गया है।
अब स्थायी वीसी मिलने की उम्मीद: जीजेयू में स्थायी वीसी की नियुक्ति के बाद अब बाकी यूनिवर्सिटी में भी उम्मीद बंधी है। एमडीयू में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी गठित हो चुकी है। राज्यपाल ने भी अपने नॉमिनी नियुक्त कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो जीजेयू के बाद जल्द ही नवंबर तक एमडीयू में स्थायी कुलपति की नियुक्ति हो सकती है।
मीरपुर यूनिवर्सिटी: मीरपुर (रेवाड़ी) स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी का हाल भी किसी से छिपा नहीं है। यूनिवर्सिटी में लंबे समय से स्थायी कुलपति नहीं है। कार्यवाहक कुलपति के तौर पर गुड़गांव के कमिश्नर को जिम्मेदारी दी गई है।
एमडीयू: ‘ए’ ग्रेड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त एमडीयू रोहतक में अप्रैल तक प्रोफेसर एचएस चहल स्थायी वीसी थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अप्रैल के आखिर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आईएएस सुधीर राजपाल को कार्यवाहक कुलपति के तौर पर विवि का चार्ज दे दिया गया। आईएएस राजपाल के पास पहले से ही कई डिपार्टमेंट हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादातर चंडीगढ़ के कार्य करने पड़ते हैं और वे सप्ताह में दो या तीन दिन ही यूनिवर्सिटी में आ पाते हैं। उनकी गैर मौजूदगी में यूनिवर्सिटी में होने वाली आपसी फूट किसी से छिपी नहीं है। समय नहीं दे पाने के कारण इसका असर कहीं न कहीं शिक्षा पर भी पड़ रहा है। छात्र संगठन से लेकर अन्य संगठन भी स्थायी कुलपति की मांग कर चुके हैं।
वाईएमसीए यूनिवर्सिटी फरीदाबाद: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति केएस यादव मार्च 2015 में सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके बाद कार्यवाहक कुलपति का चार्ज प्रो. संदीप ग्रोवर को दिया गया। तभी से वह यूनिवर्सिटी का चार्ज संभाल रहे हैं।
केयू: कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में भी दो माह पहले आईएएस हरदीप कुमार को कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। इनसे पहले डीडीएस संधु यहां स्थायी वीसी थे। तब से लेकर अब यूनिवर्सिटी में कई बार हड़ताल हो चुकी है और छात्र संगठन प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल कर चुके हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन कई बार स्थायी वीसी की मांग कर चुके हैं। कूटा अध्यक्ष डॉ. परमेश कुमार का कहना है कि नियमित कुलपति के न होने से कई प्रशासनिक कार्य और कई फैसलों पर मोहर नहीं लग पा रही है।
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साभारअमर उजाला समाचार 
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