Monday, October 12, 2015

कम है वेतन, ज्वाइन नहीं कर रहे 389 डॉक्टर, विज तलाशेंगे हलe

वेतन विसंगतियों के चलते डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देने को तैयार नहीं। सितंबर में स्वास्थ्य विभाग ने 389 नए डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश निकाला। गुड़गांव, फरीदाबाद और रोहतक जिलों को छोड़कर अन्य सभी में डॉक्टरों की तैनाती भी की गई, लेकिन वेतन विसंगति के चलते डॉक्टरों ने नियुक्ति पत्र लेने से ही इनकार कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि रोहतक पीजीआई जैसा वेतन मिलने पर ही ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।
इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। अब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) संगठन के प्रतिनिधियों के साथ 20 अक्टूबर को चंडीगढ़ में बैठक लेने का निर्णय किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रविवार को रोहतक में राज्यस्तरीय बैठक में राज्य प्रधान डॉ. जसबीर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में एक बार डॉक्टर बनने के 16 साल बाद पहला इंक्रीमेंट लगता है, जबकि पीजीआई रोहतक में चार साल बाद इंक्रीमेंट लगता है। एक ही कोर्स करने के बाद डॉक्टर रोहतक पीजीआई में ज्वाइनिंग करता है तो उसका प्रारंभिक वेतन 24,600 होता है, जबकि स्वास्थ्य विभाग 21 हजार रुपए देता है। इसके अलावा खानपुर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी करने पर डॉक्टर को 20 हजार रुपए अतिरिक्त मिलते हैं। 
डॉक्टरों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा: एचसीएमएसप्रधान डॉ. जसबीर सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा बहुत गंभीर है। आए दिन अस्पताल में डॉक्टरों पर हमले किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। 
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साभारभास्कर समाचार 
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