नए संविधान के विरोध में आंदोलनरत नेपाल में वामपंथी नेता केपी शर्मा 'ओली' नए प्रधानमंत्री चुन लिए गए हैं। वे 2006 की गिरिजा प्रसाद कोइराला की अंतरिम सरकार में उप प्रधानमंत्री तथा विदेश मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने रविवार को हुए मतदान में नेपाली कांग्रेस के सुशील कोइराला को हराया। कोइराला ने शनिवार को ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद यह
पहला चुनाव था। कुल 587 सदस्यों ने मतदान किया। सांसदों को दोनों में किसी एक को वोट देना अनिवार्य था। 'ओली' को 338 वोट मिले जो जीतने के लिए जरूरी 299 से 39 ज्यादा थे। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष कोइराला को 249 वोट ही मिल सके। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के नेता खड्ग प्रसाद शर्मा 'ओली' को यूसीपीएन माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (नेपाल), मधेशी जनाधिकार फोरम (डेमोक्रेटिक) तथा यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट में शामिल चार दलों का समर्थन हासिल था। इस फ्रंट ने पिछले चुनाव में कोइराला को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दिया था। मधेशियों के नाकेबंदी से उत्पन्न ईंधन संकट के कारण काठमांडू में रविवार से फ्री बस सेवा शुरू की गई है। यह दीपावली तक जारी रहेगी। दो प्रमुख मार्गों पर सुबह और शाम यह सेवा तीन घंटे के लिए उपलब्ध रहेगी। प्रधानमंत्री पद के लिए 'ओली' के नाम का प्रस्ताव करने वाले माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चीन के राजदूत वू शुंथाई से मुलाकात की। उन्होंने भारत की ओर से आर्थिक नाकेबंदी और देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। उन्होंने वनेपाली जनता की मदद करने की मांग की। प्रचंड 14 अक्टूबर को चीन जा रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
'ओली' नेपाल के 38वें प्रधानमंत्री हैं। उनका जन्म 22 फरवरी 1952 को तेरथम जिले में हुआ था। मार्क्सवादी लेनिनवादी विचारधारा से प्रेरित होकर वे 1966 में राजनीति में आए थे। 1970 में वे दलविहीन पंचायत व्यवस्था के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में शामिल हुए। 1973 में उन्हें गिरफ्तार किया गया, 14 साल की जेल हुई। उन्हें 1987 में जेल से रिहा किया गया। वे 1994 में यूएमएल चेयरमैन मनमोहन अधिकारी की सरकार में गृहमंत्री थे। 1991,1994 तथा 1999 में संसद के लिए चुने गए। नेपाल के मधेशी समुदाय ने नए संविधान के विरोध में अपने आंदोलन के लिए भारत से नैतिक समर्थन मांगा है। उसका कहना है कि इससे नेपाल सरकार उनकी मांग मानने को मजबूर हो जाएगी। नेपाल सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो ने कहा है,'हम भारत का नैतिक समर्थन चाहते हैं जो हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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साभार: भास्कर समाचार
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