पतंजलि
योग पीठ के मुख्य केंद्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य ने बताया कि भारत संसार
का एकमात्र ऐसा देश है जहां सबसे पहले मानव सभ्यता का विकास हुआ और वेद
इसका जीता जागता उदाहरण है। समय के साथ प्रभावी हुई विदेशी संस्कृति के
कारण भारतीय संस्कृति, नैतिकता और राष्ट्रीय चरित्र के क्षेत्र में पिछड़ते
जा रहे हैं। इसके मद्देनजर स्वामी रामदेव ने शिक्षा के माध्यम से मनुष्य
में भारतीय संस्कृति, नैतिकता और राष्ट्रीय
चरित्र जैसे गुणों का समावेश
करने का बीड़ा उठाया है और भारत में छात्रों को योग, वैदिक और आधुनिक
शिक्षा एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के लिए 500 आचार्यकुलम् स्थापित करने
का निर्णय लिया है।
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साभार: हरिभूमि समाचार
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