लंबे
समय से वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे राज्य के
कर्मचारियों को अब थोड़ी बहुत उम्मीद की किरण नजर आई है। वेतन विसंगी दूर
करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग ने राज्य के सरकारी विभागों के
अध्यक्ष से कर्मचारियों की वेतन सम्बंधित शिकायतें मांगी हैं। विसंगति
दूर करने के लिए पूर्व सरकार ने आयोग गठित किया था, पर कोई कदम नहीं उठाए
गए। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com भाजपा सरकार ने जी. माधवन के नेतृत्व में आयोग गठित किया। इस आयोग ने
हाल
ही में राज्य के सभी विभागाध्यक्षों को आदेश जारी किए हैं कि वे
कर्मचारी यूनियनों से बात कर वेतन विसंगतियों से सम्बंधित शिकायतें जल्द
आयोग के पास भिजवाए, ताकि उनका समय पर निदान किया जा सके।
जल्द समस्या का समाधान करे सरकार: वेतन
विसंगति दूर करने के लिए गठित आयोग ने सभी सरकारी विभागों के अध्यक्षों के
मार्फत शिकायतें मांगी हैं। उनकी मांग है कि वेतन विसंगतियों को जल्द से
जल्द दूर किया जाए। कर्मचारियों को अब और न टरकाया जाए।
सातवें
वेतन आयोग तक न टरकाए सरकार: अगर सरकार समझ रही है कर्मियों की वेतन विसंगी
दूर करने की मांग सातवें वेतन आयोग तक टरका दी जाएंगी, तो यह सरकार की भूल
है। नए आयोग से काफी उम्मीदें हैं। परंतु समय पर विसंगतियां दूर नहीं हुई
तो कर्मीआंदोलन की राह पकड़ेंगे।
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साभार: हरिभूमि समाचार
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