आजकल का लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है कि लोग रात को सोते कम हैं और
टेक्नोलॉजी में ज़्यादा बिज़ी रहते हैं। इस कारण उन्हें पता भी नहीं होता
कि कब समय से पहले बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। बाद में यह नींद न आने
की समस्या बन जाती है। फिर डॉक्टर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में क्यों
ने पहले से ही कोई आसान उपाय अपना लिया जाए। गर्मियों में आम लगभग सभी को
पसंद होता है। हिंदुस्तान के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार के आम
मिलते हैं। ये कई आकार और नाम से जाने जाते हैं। जहां एक तरफ कच्चे आम से
अचार, मुरब्बा और अनेक टेस्टी ड्रिंक्स बनाए जाते हैं, तो वहीं पके हुए आम
का स्वाद ही कुछ और होता है। कई सारी जगहों पर तो पके आम का रस भोजन के
दौरान परोसने की भी परंपरा है। आम के फलों के अलावा इसकी पत्तियों और तनों
में भी बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं, बल्कि कह सकते हैं कि पूरा आम का
पेड़ ही बहुत उपयोगी है। पके और कच्चे दोनों तरह के आम की गुठलियों को भी
आदिवासी औषधि के तौर पर सदियों से अपनाते चले आ रहे हैं। चलिए आज जानते हैं
आम से जुड़े देसी आदिवासी हर्बल नुस्खों के बारे में:
- अच्छी नींद के लिए: खाना खाने के बाद पके हुए आम (लगभग 100 ग्राम) के साथ एक गिलास ठंडा दूध पीने से अच्छी नींद आती है।
- गर्भधारण करने में सहायक: आम की गुठलियों का चूर्ण, कमल के सूखे फूल, बीज और सूखी पत्तियों की समान मात्रा लेकर कुचल ली जाएं और अच्छी तरह से मिलाकर इसे महिला को दिया जाए, तो उसके गर्भधारण करने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। आदिवासी हर्बल जानकार संतान प्राप्ति के लिए हर्बल नुस्खों के तौर पर इसे अपनाने की सलाह देते हैं।
- अपचन में आराम: ताजे हरे आम की गुठलियों को सुखा कर उसका पाउडर तैयार करें। इस पाउडर में स्वादानुसार काला नमक और जीरा पाउडर मिलाकर अपचन की समस्या से जूझ रहे रोगी को दिया जाए, तो उन्हें जल्द आराम मिलता है।
- दस्त से निजात: आम की गुठलियों के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर देने से दस्त में तेजी से आराम मिलता है। डांग- गुजरात में दस्त और बदहजमी की हालत में अक्सर रोगी यही देसी नुस्खा अपनाते हैं। लू लगने पर भी इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल आदिवासियों द्वारा किया जाता है।
- पेट के कीड़े: बच्चों में अक्सर पेट में कीड़े पड़ने की प्रॉब्लम हो जाती है। इसके लिए आम की गुठलियों का चूर्ण और विडंग नामक जड़ी-बूटी की समान मात्रा मिलाकर रात में सोने से पहले खिला दें, तो पेट के कीड़े आसानी से मर जाते हैं और मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
- नाक से खून निकलने की समस्या: आम की गुठलियों के रस को नकसीर/ नाक से लगातार खून निकलते रहने की शिकायत में काफी कारगर माना जाता है। डांग- गुजरात के हर्बल जानकारों के अनुसार दिन में 3 बार इसके रस की 2-2 बूंद नाक में डाली जाए, तो जल्द ही ये समस्या दूर हो जाती है।
- खांसी ठीक करता है: खांसी होने पर पके आम को चूल्हे पर भून लें और ठंडा होने पर रोगी को खिलाएं, तो खांसी जल्दी ठीक हो जाती है।
- एसिडिटी में आराम: एसिडिटी कंट्रोल करने में आम की ताजा पत्तियों का रस हर्बल जानकारों द्वारा दिया जाता है। ताजा पत्तियों (लगभग 10 ग्राम) को 50 मिली पानी के साथ पीसकर रोगी को पिलाएं। इससे उन्हें तुरंत आराम मिलने लगता है।
- लू से बचाता है: कच्चे आम का पना (आम रस) लू और गर्मियों के थपेड़ों से बचने का एक कारगर देसी फॉर्मूला है। कच्चे आम को पानी में उबाला जाता है और इसे मैश करके इसमें पुदिना रस, जीरा, काली मिर्च, चुटकी भर नमक और स्वादानुसार शक्कर मिलाकर फ्रिज में जमाया जाता है। गर्मियों में रोजाना इसके एक गिलास सेवन से लू की समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही ये बहुत टेस्टी भी होता है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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