Monday, April 20, 2015

ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया: बिना संसाधनों के कैसे होगा 30 मई तक काम पूरा

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रही दाखिला प्रक्रिया को शिक्षकों को ऑनलाइन करना होगा। शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के रिकॉर्ड को भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत फिलहाल दाखिला की जानकारी ऑनलाइन की जाएगी। शिक्षा विभाग ने आगामी 30 अप्रैल तक 50 प्रतिशत बच्चों की दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों व स्कूल मुखियाओं को दे दिए हैं।
शेष 50 प्रतिशत दाखिला प्रक्रिया 30 मई तक फीड करने होंगे। इसके तहत पुराने व नए दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों का डाटा एमआइएस पोर्टल पर विभाग द्वारा ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें विद्यार्थी से संबंधित पूरी जानकारी फीड की जाएगी। इससे स्कूल प्रमुखों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि स्कूलों में कंप्यूटर व कंप्यूटर शिक्षक न होने के कारण पूरा डाटा ऑनलाइन करना टेढ़ी खीर साबित होगा।
न कंप्यूटर और न ही कंप्यूटर शिक्षक: प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में कंप्यूटर ही नहीं है और कंप्यूटर शिक्षक दूर की बात है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्राइमरी स्कूलों की दाखिला प्रक्रिया का डाटा आनलाइन कैसे होगा। यदि शिक्षक यह आनलाइन प्रक्रिया पूरी करते भी है तो उन्हें अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ेगा, क्योंकि विभाग ने इसके लिए कोई अलग से बजट की व्यवस्था नहीं की है। यही नहीं जिन हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में कंप्यूटर हैं, वहां अब कंप्यूटर शिक्षक काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में पूरा डाटा आनलाइन कैसे होगा, यह यह समस्या उनके समक्ष आ गई है। क्योंकि पिछले कई माह से अपनी मांगों को लेकर पंचकूला में कंप्यूटर शिक्षक धरना, प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षकों के पास भी नहीं कोई विकल्प: शिक्षा विभाग के निर्देश मानने को लेकर शिक्षकों के पास कोई विकल्प नहीं है। न तो विभाग ने प्राइमरी स्कूलों में कंप्यूटर उपलब्ध करवाए हुए हैं और न ही अब तक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक पहुंचे हैं। ऐसे में शिक्षकों को या तो स्वयं ही यह फीडिंग का काम करना पड़ेगा या फिर अपनी जेब से राशि खर्च कर साइबर कैफों से फीडिंग का काम करवाना होगा।
यह अध्यापकों का काम नहीं: हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि एमआइएस की प्रक्रिया बहुत लंबी व जटिल है, जिसे पूरा करने के लिए कंप्यूटर विशेषज्ञ की जरूरत है। यह अध्यापकों का काम नहीं है। अध्यापक केवल शिक्षण कार्य के लिए होते हैं, जो उनको करने नहीं दिया जा रहा। दूसरे स्कूलों में आजकल कंपनियों से विवाद के चलते कंप्यूटर शिक्षक भी नहीं है। प्रदेश के एक भी प्राथमिक विद्यालय व बहुत से उच्च विद्यालयों में न कंप्यूटर और न नेट कनेक्शन है। सरकार पहले सरकारी स्कूलों में सुविधाएं व विशेषज्ञ मुहैया करवाएं, तभी ये कार्य संभव हो पाएगा। 
साभार: जागरण समाचार
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