अगर आप निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाने जा रहे हैं तो सबसे पहले
सुनिश्चित कर लें कि स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं। कहीं ऐसा न हो कि
आपकी भूल की वजह से बच्चे का भविष्य खतरे में पड़ जाए। ऐसा इसलिए कि
प्रदेश के 14 हजार निजी स्कूल है जो अस्थायी, परमिशन मान्यता प्राप्त हैं।
अभी तक इन्हें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सत्र 2015-16 के लिए
मान्यता नहीं मिल पाई है। बीती 31 मार्च को स्कूलों को
एक साल के लिए मोहलत
खत्म हो चुकी है। अब स्कूल पूरी तरह गैर मान्यता प्राप्त हैं। इन स्कूलों
में पढ़ने वाले 12 लाख बच्चे हैं, उनके भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है।
इन स्कूलों का सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष स्थाई मान्यता के लिए समय बढ़ा
दिया जाता है। अब इन स्कूलों कीे शिक्षा बोर्ड से संबंद्धता लटक गई है,
जिससे इनमें पढ़ने वाले बच्चे बोर्ड कक्षाओं के फार्म नहीं भर पाएंगे।
अस्थायी संबद्धता अनिवार्य: विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रदेश के अस्थाई व
परमिशन प्राप्त हजारों स्कूलों में लगभग 12 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे
हैं। इनमें से सिर्फ दसवीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं में ढाई लाख बच्चे
है। इन अस्थाई व परमिशन वाले स्कूलों को हर वर्ष शिक्षा बोर्ड में अस्थाई
संबंद्धता लेनी पड़ती है।
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साभार: जागरण समाचार
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