रोहतक के पॉश इलाके डी पार्क स्थित ‘अकादमी ऑफ बिजनेस सक्सेस वेब
डिजाइनिंग एंड इट सोल्यूशन’ में विभिन्न विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों
के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। मेघालय स्थित सीएमजे विश्वविद्यालय और
सिक्किम स्थित ईआइआइएलएम विश्वविद्यालय के तैयार और बिना बने अंकपत्र
(मार्कशीट) बड़ी संख्या में बरामद किए गए हैं। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com अकादमी संचालक को गिरफ्तार
कर पूछताछ की जा रही है। गुप्तचर इकाई की स्पेशल टीम की इस कार्रवाई से
फर्जी डिग्रियों के बड़े रैकेट के खुलासे की उम्मीद है। प्राथमिक जांच में
संबंधित विश्वविद्यालय के कर्मियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।
बताते हैं कि स्पेशल टीम को सोमवार दोपहर सूचना मिली कि डी पार्क स्थित
शीतल मॉल के निकट प्रथम तल पर तीन साल से संचालित अकादमी में व्यावसायिक
उपाधियों का बड़े स्तर पर गोरखधंधा चल रहा है। प्रभारी ज्योतिशील भटनागर की
नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी की। टीम ने अकादमी से मिले
दस्तावेज कब्जे में लेकर पड़ताल की। अकादमी में मौजूद कर्मियों से भी टीम
ने पूछताछ शुरू की। संचालक इस दौरान मौके पर नहीं था, उसे सूचना देकर
बुलाया गया। कुछ देर में पीजीआइएमएस पुलिस भी पहुंच गई। टीम ने दोपहर लगभग
डेढ़ बजे कार्रवाई शुरू की और तीन घंटे तक तक अकादमी को खंगालती रही। इस
दौरान संचालक व कर्मियों से पूछताछ भी की गई। पीजीआइएमएस थाने के एसएचओ
कुलदीप सिंह के अलावा प्रशिक्षु आइपीसी हिमांशु गर्ग भी मौके पर पहुंचे। मौके से टीम ने व्यावसायिक कोर्स के दो सौ तैयार प्रमाणपत्र, 50 अधबने
प्रमाणपत्र और तीन सौ ब्रॉड पेपर जिन पर प्रमाणपत्र तैयार किए जाते हैं और
दो स्कैनर बरामद किए हैं। छापेमारी के बाद टीम ने प्रीत विहार निवासी
अकादमी संचालक नरेश कुमार जिंदल को गिरफ्तार कर लिया है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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